कर्ज के चक्रव्यूह में फंसे बचें तारों की चाल से, मंगला चौथ पर करें विलक्षण उपाय

punjabkesari.in Tuesday, Sep 20, 2016 - 01:02 PM (IST)

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी भी माह के मंगलवार पर पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को मंगला चौथ या अंगारक चतुर्थी कहते हैं। धार्मिक मतानुसार भगवान गणपती का जन्म चतुर्थी तिथि पर हुआ था। इसी कारण चतुर्थी तिथि गणपती को अत्यधिक प्रिय है। भारतीय ज्योतिषशास्त्र में श्रीगणेश को चतुर्थी का स्वामी बताया गया है। अंगारक चतुर्थी का संबंध भगवान गणपती के आंगरक स्वरूप अर्थात सिंदूरी स्वरूप से है।


शास्त्रनुसार सूर्य ग्रहण पर मंत्र जाप का दस लाख गुना फल मिलता है वैसा ही फल मंगला चौथ पर मंत्र जाप व पूजा अनुष्ठान से मिलता है। मत्स्य पुराण, नारद पुराण व गणेश पुराण जैसे शास्त्रों में मंगला चौथ की बड़ी महिमा कही गई है। अंगारक चतुर्थी की माहात्म्य गणेश पुराण के उपासना खण्ड के 60वें अध्याय में वर्णित है। मंगलवार हनुमान जी का दिन है परंतु यह दिन गणपती को भी अत्यधिक प्रिय है। मंगलवार चतुर्थी हनुमान जी, मंगलदेव और गणपती जी को प्रसन करने हेतु विशिष्ट दिन है।

 

चतुर्थी के साथ 'अंगारकी' नाम का होना मंगल और हनुमान जी का सान्निध्य दर्शाता है। मंगल देव को तेजस्विता एवं रक्त वर्ण के कारण 'अंगारक' नाम प्राप्त है। इसी कारण यह चतुर्थी अंगारक चतुर्थी कहलाती है। वेदव्यास जी के अनुसार मंगला चौथ पर जप, दान, अनुष्ठान दस लाख गुना प्रभावशाली होता है। मंगला चौथ के विशिष्ट पूजन से श्री गणेश, हनुमान जी व मंगल देव का आशिर्वाद तो प्राप्त होता ही है साथ-साथ ही कर्ज़ बाधा से मुक्ति भी मिलती है। इस तिथि का पुण्य फल किसी भी कार्य से विघ्न को हर कर साहस व ओजस्विता प्रदान करता है। इस तिथि का पुण्य फल किसी भी कार्य में कभी विघ्न नहीं आने देता और साहस एवं ओजस्विता प्रदान करता है।  यह दिन कर्ज मुक्ति हेतु सबसे उत्तम है। संसार के सारे सुख प्राप्त होते हैं तथा गणपती, मंगल देव और हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति को कर्ज़ों से मुक्ति मिलती है।

 

कर्ज़ से मुक्ति के साधारण उपाय
• दूर्वा को सिंदूर से रंग कर गणेश जी पर चढ़ाएं।

• हनुमान जी पर गुड़-चने का भोग लगाकर गाय को खिलाएं।

• सुबह के समय लाल गाय को गुड और आटे से बनी रोटी खिलाएं।

• हनुमान मंदिर में लाल रंग की ध्वजा चढ़ा कर आर्थिक समृद्धि की प्रार्थना करें।

• हनुमान मंदिर में तांबा, केसर, कस्तूरी, गेहूं, लाल चंदन, सिन्दूर, शहद, लाल पुष्प, मसूर, लाल मिर्च, मूंगा दान करें।

 

कर्ज़ से मुक्ति का विशिष्ट उपाय
बिना नमक का भोजन करें। चन्द्रमा को दूध में शहद मिलाकर अर्घ्य दें। गणपती हनुमान जी और मंगल देव का षोडशुपचार पूजन करें। लड्डू, गुड, मसूर से बने पकवान चढ़ाएं, शहद में सिंदूर मिलाकर मंगलदेव को अर्पित करें तथा यह श्लोक बोलकर फिर धरती पर अर्घ्य दें।

 

श्लोक: भूमि पुत्रो महा तेजा। कुमारो रक्त वस्त्रका। ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम। ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे

 

इसके बाद मंगल देव के 21 नामों का 3 मुखी रुद्राक्ष की माला से यथासंभव जाप करें।

 

1. ॐ मंगलाय नमः। 2. ॐ भूमि पुत्राय नमः। 3. ॐ ऋण हर्त्रे नमः। 4. ॐ धन प्रदाय नमः। 5. ॐ स्थिर आसनाय नमः। 6. ॐ महा कायाय नमः। 7. ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः। 8. ॐ लोहिताय नमः। 9. ॐ लोहिताक्षाय नमः। 10. ॐ साम गानाम कृपा करे नमः। 11. ॐ धरात्मजाय नमः। 12. ॐ भुजाय नमः। 13. ॐ भौमाय नमः। 14. ॐ भुमिजाय नमः। 15. ॐ भूमि नन्दनाय नमः। 16. ॐ अंगारकाय नमः। 17. ॐ यमाय नमः। 18. ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः। 19. ॐ वृष्टि कर्ते नमः। 20. ॐ वृष्टि हराते नमः। 21. ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com





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