वनस्पति प्रयोग से धन-दौलत चूमेगी आपके कदम और खुल जाएंगे किस्मत के दरवाजे
punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2015 - 04:37 PM (IST)

नारद संहिता, गरुड़ पुराण, शुक्रनीति सार में लिखा है कि रत्न, सुंदरता एवं वैभव के प्रतीक तो है ही, किन्तु ये ग्रह दोषों का भी हरण करते हैं। कौन-सा रत्न किस ग्रह को प्रसन्न कर उसका दोष दूर करता है इस संबंध में रत्नमाला नामक ग्रंथ में कहा गया है कि सूर्य का रत्न माणिक्य, चंद्रमा का मोती, मंगल का मूंगा, बुध का पन्ना, बृहस्पति का पुखराज, शुक्र का हीरा, शनि का निर्मल नीलम, राहु का गोमेद और केतु का रत्न लहसुनिया है।
सर्वसाधारण के लिए रत्नों को धारण करना सुलभ एवं सुगम नहीं है तब इनके उपरत्न या वनस्पति आदि को यथाशक्ति धारण कर कष्ट बाधा दूर की जा सकती है। सूर्यादि ग्रहों के लिए निम्नानुसार वनस्पति का प्रयोग करें। वनस्पति प्रयोग से धन दौलत चूमेगी आपके कदम और खुल जाएंगे किस्मत के दरवाजे
* सूर्य के लिए बेल की जड़ सूत के धागे में दाहिनी भुजा में धारण करें।
* चंद्रमा के लिए सोमवार के दिन खिरनी की जड़ सूती कपड़े में बांध कर गले में अथवा भुजा पर धारण करें।
* मंगल के लिए मंगलवार को सोने के ताबीज में अनंतमूल की जड़ रखकर लाल रंग के सूती धागे में बांधकर पहनें।
* बुध के लिए बुधवार को विधारा की जड़ हरे रंग के धागे में बांधकर धारण करें।
* बृहस्पति के लिए केले की जड़ का टुकड़ा सोने के यंत्र में रखकर पीले धागे से वीरवार को धारण करें।
* शुक्र के लिए सरपंका की जड़ चांदी के ताबीज में रखकर सफेद धागे से बांधकर शुक्रवार को धारण करें।
* शनि के लिए शनिवार को विदुआ की जड़ रांगे या लोहे के ताबीज में काले डोरे में बांध कर धारण करें।
* राहु के लिए बुधवार को चंदन की जड़ को रांगे के ताबीज में नीले रंग के धागे में बांधकर धारण करें।
* केतु के लिए चांदी के यंत्र में असगंध की जड़ वीरवार को नीले रंग के धागे में धारण करें।