भगवान भी करते हैं शेयर मार्कीट से कमाई, जानिए कैसे

punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2016 - 03:18 PM (IST)

नई दिल्ली: शेयर बाजार में आज हर आमजन रुपए लगाने में पीछे नहीं लेकिन क्या आपको मालूम है कि शेयर बाजार में कमाई के मामले में भगवान भी शामिल हो गए हैं। जी हां, दरअसल देश के कई ऐसे बड़े मंदिर हैं जिनके डीमैट अकाउंट खुले हैं। इन डीमैट अकाउंट के जरिए श्रद्धालु मंदिर को शेयर म्युचुअल फंड और बॉन्ड दान कर सकते हैं। कुछ मंदिर डीमैट अकाउंट खुलवाने पर विचार कर रहे हैं।


जिन मंदिरों के डीमैट अकाउंट खुल गए हैं उनमें से हैं-


श्रीसिद्धिविनायक मंदिर
 मुंबई के प्रभादेवी में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर देश में स्थित सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है, यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। श्रीसिद्धिविनायक मंदिर ने एसबीआई कैपिटल के साथ डीमैट अकाउंट खोला है।

तिरुपति बालाजी मंदिर
आंध्र प्रदेश स्थित भगवान व्यंकटेश को समर्पित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी देश का पहला ऐसा मंदिर था जिसने डीमैट अकाउंट खोला था। तिरुपति बालाजी ने पिछले साल ही अपना डीमैट अकाउंट स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ खोला था। तिरुपति बालाजी में रोज 1 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनमें से कई श्रद्धालु बॉन्ड या शेयर दान करने की इच्छा जता चुके थे। इसे देखते हुए मंदिर ने डीमैट अकाउंट खुलवाने की पहल की।डीमैट अकाउंट खुलने से पहले श्रद्धालु मंदिर की ओपन हुंडी में शेयर सर्टिफिकेट दान करते थे, जिसकी संख्या लगातार बढ़ रही थी और मंदिर प्रशासन को इसे संभालकर रखने में परेशानी हो रही थी इसलिए इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए मंदिर के ट्रस्ट ने डीमैट अकाउंट खोला

उज्जैन का महाकाल मंदिर
महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। महाकालेश्‍वर मंदिर भी डिमैट अकाउंट खोलने पर विचार कर रहा है। इस संबंधी  मंदिर प्रशासन ने मध्यप्रदेश सरकार से बात की है। महाकालेश्‍वर मंदिर का डिमैट अकाउंट खुलने के बाद यहां भी श्रद्धालु बॉन्ड या शेयर दान कर सकते हैं। वहीं महाकालेश्‍वर मंदिर के अलावा
इस योजना में मध्‍य प्रदेश के छह और मंदिरों को भी शामिल किया जाएगा। खंडवा में ओंकारेश्‍वर मंदिर, सलकानपुर में बिजासन देवी मंदिर, सतना में मैहर देवी मंदिर, इंदौर में खजराना गणेश मंदिर और ओरछा में राजाराम मंदिर में यह सर्विस शुरू करने की योजना बनाई है।


50 से ज्यादा मंदिरों का डीमैट अकाउंट
श्रीसिद्धिविनायक मंदिर,तिरुपति बालाजी के अलावा देश के कई मंदिर डीमैट अकाउंट खुलवा चुके हैं। इसमें मुंबई का बाबुलनाथ मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर, राजस्थान का श्रीनाथजी टेंपल, स्वामिनारायण हिंदू टेंपल और शंकराचार्य मंदिर शामिल है। इसके अलावा दक्षिण भारत के कुछ चर्च भी डीमैट के जरिए शेयर दान में ले रहे हैं।


क्या है डीमैट अकाउंट
डीमैट अकाउंट में श्रद्धालु सीधे शेयर, म्युचुअल फंड या बॉन्ड मंदिर को ट्रांसफर कर सकेंगे।शुरुआत में श्रद्धालु केवल लिस्टेड कंपनियों के शेयर ही दान कर सकेंगे। इसके बाद दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट भी दान कर सकेंगे। कई श्रद्धालु मंदिर को फिजिकल फॉर्म में शेयर सर्टिफिकेट देते थे, जिन्हें संभालना मंदिर के लिए मुश्किल हो रहा था। डीमैट खुलने के बाद श्रद्धालु डिजिटल फॉर्म में शेयर दान कर सकेंगे।


डीमैट खोलने के नियम
डीमैट खोलने के कई नियम हैं इनके आधार पर ही अकाउंट खुल सकता है जैसे कि कोई भी मंदिर भगवान के नाम से अकाउंट नहीं खुलवा सकता केवल ट्रस्ट के नाम से ही अकाउंट खुलता है। कोई ट्रस्टी भगवान का नाम जोड़े बिना अपने नाम से भी अकाउंट खुलवा सकता है। धार्मिक ट्रस्ट किसी भी निजी कंपनी में लंबे समय तक शेयर होल्डर बने नहीं रह सकते। कोई भी धार्मिक ट्रस्ट निजी कंपनियों का शेयर एक साल से ज्यादा नहीं रख सकता, हालांकि पब्लिक सेक्टर कंपनियों के स्टॉक्स पर ऐसा कोई नियम नहीं है।


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