बजट 2023-24: सरकार को मिलने वाले एक रुपये में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष करों का हिस्सा 58 पैसे
punjabkesari.in Wednesday, Feb 01, 2023 - 04:39 PM (IST)
नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 58 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा। इसके अलावा 34 पैसा कर्ज और अन्य करों से आएगा।
आम बजट 2023-24 के अनुसार, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से छह पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से दो पैसे मिलेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश किए गए आम बजट के अनुसार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सरकार की आमदनी में प्रति एक रुपये के मुकाबले 17 पैसे का योगदान होगा। इसके अलावा कॉरपोरेट कर से 15 पैसे मिलेंगे।
सरकार हर रुपये में सात पैसे उत्पाद शुल्क से और चार पैसे सीमा शुल्क से हासिल करेगी। उसे आयकर से 15 पैसे मिलेंगे।
सरकार के खर्च की बात करें तो सबसे बड़ा हिस्सा लिए गए कर्ज पर ब्याज का है। सरकार प्रत्येक एक रुपये के खर्च में 20 पैसे ब्याज चुकाने के लिए खर्च करती है। इसके बाद करों और शुल्कों में राज्यों का 18 पैसे का हिस्सा है। रक्षा के लिए आवंटन आठ पैसे है।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय प्रत्येक रुपये में 17 पैसे होगा, जबकि केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए नौ पैसे का आवंटन किया गया है।
सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः नौ पैसे और चार पैसे खर्च होंगे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आम बजट 2023-24 के अनुसार, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से छह पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से दो पैसे मिलेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश किए गए आम बजट के अनुसार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सरकार की आमदनी में प्रति एक रुपये के मुकाबले 17 पैसे का योगदान होगा। इसके अलावा कॉरपोरेट कर से 15 पैसे मिलेंगे।
सरकार हर रुपये में सात पैसे उत्पाद शुल्क से और चार पैसे सीमा शुल्क से हासिल करेगी। उसे आयकर से 15 पैसे मिलेंगे।
सरकार के खर्च की बात करें तो सबसे बड़ा हिस्सा लिए गए कर्ज पर ब्याज का है। सरकार प्रत्येक एक रुपये के खर्च में 20 पैसे ब्याज चुकाने के लिए खर्च करती है। इसके बाद करों और शुल्कों में राज्यों का 18 पैसे का हिस्सा है। रक्षा के लिए आवंटन आठ पैसे है।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय प्रत्येक रुपये में 17 पैसे होगा, जबकि केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए नौ पैसे का आवंटन किया गया है।
सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः नौ पैसे और चार पैसे खर्च होंगे।
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