रसायनों के सुरक्षित उपयोग के लिए सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं का अनुपालन हो : मांडविया
punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 06:47 PM (IST)
नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग से कहा कि वे इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं का पालन करें।
उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रसायन उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों को रसायनों के सुरक्षित उपयोग की सर्वोत्तम जानकारी और प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
इस संबंध में मांडविया ने कहा कि रसायन और पेट्रोरसायन (पेट्रोकेमिकल) विभाग ने सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसका उद्देश्य कार्यस्थल में रसायनों के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना है।
‘रसायनों के सुरक्षित उपयोग’ विषय पर उद्योग मंडल फिक्की के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा, ‘‘मानव सुरक्षा और मानवता राष्ट्र के लिए सर्वोपरि है।’’ मंत्री ने कहा कि भारत जीवन, मानवता, पर्यावरण और उद्योग की सुरक्षा और जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली किसी भी सर्वोत्तम प्रथा को आसानी से स्वीकार करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएलओ के साथ समझौता ज्ञापन रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग में कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। उद्योग इन प्रथाओं का पालन करेगा, और सरकार कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।’’ मांडविया और रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर रसायन और पेट्रोरसायन विभाग की सचिव आरती आहूजा ने संभावित खतरों के प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया।
सचिव ने यह भी कहा कि आईएलओ और डब्ल्यूएचओ द्वारा विकसित रासायनिक सुरक्षा कार्ड विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रसायन उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों को रसायनों के सुरक्षित उपयोग की सर्वोत्तम जानकारी और प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
इस संबंध में मांडविया ने कहा कि रसायन और पेट्रोरसायन (पेट्रोकेमिकल) विभाग ने सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसका उद्देश्य कार्यस्थल में रसायनों के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना है।
‘रसायनों के सुरक्षित उपयोग’ विषय पर उद्योग मंडल फिक्की के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा, ‘‘मानव सुरक्षा और मानवता राष्ट्र के लिए सर्वोपरि है।’’ मंत्री ने कहा कि भारत जीवन, मानवता, पर्यावरण और उद्योग की सुरक्षा और जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली किसी भी सर्वोत्तम प्रथा को आसानी से स्वीकार करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएलओ के साथ समझौता ज्ञापन रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग में कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। उद्योग इन प्रथाओं का पालन करेगा, और सरकार कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।’’ मांडविया और रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर रसायन और पेट्रोरसायन विभाग की सचिव आरती आहूजा ने संभावित खतरों के प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया।
सचिव ने यह भी कहा कि आईएलओ और डब्ल्यूएचओ द्वारा विकसित रासायनिक सुरक्षा कार्ड विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।
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