अपनी अक्षमता छिपाने के लिए सरकार राज्यों को आयातित कोयला खरीदने के लिए बाध्य कर रही है : एआईपीईएफ

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2022 - 07:57 PM (IST)

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र राज्यों के अधिकार का अतिक्रमण कर रहा है और उन्हें आयातित कोयला खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है। फेडरेशन ने कहा कि केंद्र ताप बिजली संयंत्रों को समुचित मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं कर पाने की अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए ऐसा कर रहा है।
एआईपीईएफ ने एक बयान में कहा कि बिजली मंत्रालय के निर्देश इस महीने की शुरुआत में उत्पादन कंपनियों को जारी किए गए हैं। इसके तहत राज्यों को घरेलू कोयले में मिश्रण के लिए कोयला आयात करने का दबाव डाला जार रहा है।
मंत्रालय ने सभी आयातित कोयला आधारित बिजली इकाइयों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए भी कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि एक समिति द्वारा शुल्कों को बढ़ाने के लिए संशोधन जारी किया जाएगा।
एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने आरोप लगाया, "केंद्र सरकार, राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है और ताप विद्युत संयंत्रों को घरेलू कोयले की आपूर्ति करने में अपनी अक्षमताओं को छिपाने के लिए उन्हें आयातित कोयला खरीदने के लिए मजबूर कर रही है।’’ गुप्ता ने कहा कि बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 को लागू करने में केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र एक ऐसी उत्पादन कंपनी तक सीमित है जो पूर्ण या आंशिक रूप से उसके और अंतर-राज्यीय उत्पादन स्टेशनों के स्वामित्व में है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाले उत्पादन स्टेशन के मामले में, धारा 11 को लागू करना राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि देशभर के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी का कारण, कोयला, रेलवे और बिजली जैसे तीन मंत्रालयों के बीच समन्वय की कमी थी।
एआईपीईएफ ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को लिखा है कि सरकार को अब, सरकार से सरकार के स्तर पर कोयला आयात करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आयातित कोयला मौजूदा सीआईएल दरों पर राज्य उत्पादन कंपनियों को उपलब्ध कराया जाए।
इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की नीतिगत चूक के कारण कोयले की कमी को दूर करने के लिए, अतिरिक्त लागत का बोझ राज्यों पर नहीं आना चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा चलाए जा रहे केंद्र सरकार के ताप विद्युत संयंत्रों के शुल्क में 50-70 पैसे की वृद्धि होगी और इसका भार बिजली उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र के निर्देश के बावजूद राज्य में बिजली उत्पादन के लिए कोयले का आयात नहीं करने का फैसला किया है।
गुप्ता ने आगाह किया कि अगर मानसून से पहले ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का स्टॉक नहीं बढ़ाया गया तो एक और बिजली संकट की स्थिति का जल्द ही सामना करना पड़ सकता है।


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PTI News Agency

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