ऊंची मुद्रास्फीति के कारण जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश सीमित: सूत्र
punjabkesari.in Wednesday, May 25, 2022 - 10:20 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) मौजूदा कीमत स्थिति के कारण वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश फिलहाल कम है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। इन कर स्लैब को घटाकर संभवत: तीन करने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ाया जाएगा जबकि कुछ के मामले में कर में कमी की जाएगी। इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है।
सूत्रों ने कहा, लेकिन मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। ऐसे में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश कम है।
सूत्र ने कहा कि अर्थव्यवस्था कोविड महामारी के प्रभाव से उबर रही थी लेकिन इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
उसने कहा, ‘‘पूर्व में जीएसटी परिषद तत्कालीन मौजूदा स्थिति से अवगत थी।’’
जीएसटी के तहत जरूरी सामानों पर या तो छूट है या फिर निम्न दर से कर लगाया जाता है। जबकि आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर ऊंची दर 28 प्रतिशत कर लगाया जाता है। साथ ही ऐसी वस्तुओं पर उपकर भी लगाया जाता है। जीएसटी लागू होने से राज्यों के संभावित राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति करने के लिये उपकर लगाया जाता है।
जीएसटी परिषद ने कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व वृद्धि और कर दरों में विसंगतियों को दूर करने के बारे में सुझाव देने को लेकर पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। इन कर स्लैब को घटाकर संभवत: तीन करने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ाया जाएगा जबकि कुछ के मामले में कर में कमी की जाएगी। इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है।
सूत्रों ने कहा, लेकिन मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। ऐसे में जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की गुंजाइश कम है।
सूत्र ने कहा कि अर्थव्यवस्था कोविड महामारी के प्रभाव से उबर रही थी लेकिन इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
उसने कहा, ‘‘पूर्व में जीएसटी परिषद तत्कालीन मौजूदा स्थिति से अवगत थी।’’
जीएसटी के तहत जरूरी सामानों पर या तो छूट है या फिर निम्न दर से कर लगाया जाता है। जबकि आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर ऊंची दर 28 प्रतिशत कर लगाया जाता है। साथ ही ऐसी वस्तुओं पर उपकर भी लगाया जाता है। जीएसटी लागू होने से राज्यों के संभावित राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति करने के लिये उपकर लगाया जाता है।
जीएसटी परिषद ने कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व वृद्धि और कर दरों में विसंगतियों को दूर करने के बारे में सुझाव देने को लेकर पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था।
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