‘डू नॉट डिस्टर्ब’ पंजीकरण के बाद भी अवांछित कॉल से नहीं मिला छुटकाराः सर्वे
punjabkesari.in Tuesday, May 17, 2022 - 08:06 PM (IST)
नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई के पास ''डू नॉट डिस्टर्ब'' सेवा के लिए पंजीकरण कराने के बाद भी मोबाइल सेवा उपभोक्ताओं के एक बड़े तबके को अवांछित कॉल एवं एसएमएस संदेशों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।
ऑनलाइन मंच ‘लोकलसर्किल्स’ के एक सर्वे में यह पाया गया है कि करीब 95 प्रतिशत प्रतिभागियों को ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ सेवा के तहत पंजीकरण कराने के बावजूद अवांछित कॉल एवं संदेश मिल रहे हैं।
देश के 377 जिलों में 10 मार्च से 10 मई के बीच कराए गए इस सर्वे में करीब 37,000 मोबाइल उपभोक्ताओं से राय ली गई। इसमें पाया गया कि 64 प्रतिशत लोगों को हर दिन औसतन तीन-चार ‘स्पैम’ कॉल आती रहती हैं।
लोकलसर्किल्स ने मंगलवार को जारी अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा, ‘‘कई लोगों के पास धोखाधड़ी करने की नीयत रखने वाले एवं टेलीमार्केटिंग से जुड़े लोगों की अवांछित कॉल आती रहती हैं। ऐसा ''डू नॉट डिस्टर्ब'' पंजीकरण कराने के बावजूद हो रहा है।’’
इस बारे में संपर्क किए जाने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अवांछित कॉल की समस्या दूर करने के लिए नियामक ने ब्लॉकचेन-आधारित तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू किया है लेकिन गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटिंग वालों पर काबू पाना अभी चुनौती बना हुआ है।
दूरसंचार विभाग ने पिछले साल अवांछित कॉल के लिए जुर्माना बढ़ाया था। अब 10 बार तक उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये और 50 से ज्यादा बार उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगने का प्रावधान है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
ऑनलाइन मंच ‘लोकलसर्किल्स’ के एक सर्वे में यह पाया गया है कि करीब 95 प्रतिशत प्रतिभागियों को ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ सेवा के तहत पंजीकरण कराने के बावजूद अवांछित कॉल एवं संदेश मिल रहे हैं।
देश के 377 जिलों में 10 मार्च से 10 मई के बीच कराए गए इस सर्वे में करीब 37,000 मोबाइल उपभोक्ताओं से राय ली गई। इसमें पाया गया कि 64 प्रतिशत लोगों को हर दिन औसतन तीन-चार ‘स्पैम’ कॉल आती रहती हैं।
लोकलसर्किल्स ने मंगलवार को जारी अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा, ‘‘कई लोगों के पास धोखाधड़ी करने की नीयत रखने वाले एवं टेलीमार्केटिंग से जुड़े लोगों की अवांछित कॉल आती रहती हैं। ऐसा ''डू नॉट डिस्टर्ब'' पंजीकरण कराने के बावजूद हो रहा है।’’
इस बारे में संपर्क किए जाने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अवांछित कॉल की समस्या दूर करने के लिए नियामक ने ब्लॉकचेन-आधारित तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू किया है लेकिन गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटिंग वालों पर काबू पाना अभी चुनौती बना हुआ है।
दूरसंचार विभाग ने पिछले साल अवांछित कॉल के लिए जुर्माना बढ़ाया था। अब 10 बार तक उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये और 50 से ज्यादा बार उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगने का प्रावधान है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर वैन दुर्घटनाग्रस्त, पेड़ ने बचाई 3 लोगों की जान