देवास मामला: भारत सरकार की पेरिस स्थित संपत्ति जब्त करने का फ्रांसीसी अदालत ने दिया आदेश
punjabkesari.in Thursday, Jan 13, 2022 - 05:06 PM (IST)

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) फ्रांस की एक अदालत ने देवास मल्टीमीडिया के निवेशकों के अनुरोध पर पेरिस स्थित भारतीय दूतावास की एक संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया है।
उपग्रह स्पेक्ट्रम उपयोग का अनुबंध रद्द किए जाने के मामले में आए मध्यस्थता अधिकरण के 1.3 अरब डॉलर के भुगतान के आदेश को अमल में लाने की अर्जी लगाई गई थी।
इस फैसले की उपलब्ध प्रति के मुताबिक, फ्रांसीसी अदालत ने देवास के शेयरधारकों को पेरिस के संभ्रांत इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट को न्यायिक तौर पर गिरवी रखने का आदेश दिया है। यह इमारत भारतीय दूतावास के उप प्रमुख के आवास के तौर पर इस्तेमाल की जाती रही है और इसका मूल्य करीब 38 लाख यूरो आंका गया है।
देवास मल्टीमीडिया के वरिष्ठ सलाहकार जय न्यूमैन ने कहा, "भारत सरकार की दुनिया में हर जगह इस तरह की संपत्तियां हैं। यह तो महज शुरुआत है। हम कई और संपत्तियों की जब्ती की भी योजना बना रहे हैं।"
देवास में निवेश करने वाली तीन कंपनियों ने इस मामले में 24 सितंबर 2021 को अदालत में अपील की थी। इनमें देवास मॉरीशस, टेलीकॉम देवास मॉरीशस और देवास एम्प्लायीज मॉरीशस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इस फैसले पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारत सरकार में से किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
देवास मल्टीमीडिया का इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स के साथ वर्ष 2005 में एक करार हुआ था जिसके तहत वह पट्टे पर एस- बैंड उपग्रह स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर मोबाइल फोनधारकों को मल्टीमीडिया सेवाएं मुहैया कराने वाली थी। लेकिन स्पेक्ट्रम नीलामी में धांधली के आरोप लगने के बाद वर्ष 2011 में इस सौदे को रद्द कर दिया गया था।
इस आदेश के खिलाफ देवास मल्टीमीडिया ने मध्यस्थता की कार्रवाई शुरू की। इस कंपनी में हिस्सेदारी रखने वाली मॉरीशस इंवेस्टर्स और डायचे टेलीकॉम भी इस मामले पर अलग से मध्यस्थता कार्रवाई शुरू कर दी थी। भारत को तीनों ही मामलों में हार का सामना करना पड़ा था।
भारत सरकार को सौदा निरस्त करने के एवज में 1.3 अरब डॉलर का भुगतान करने का आदेश मध्यस्थता अधिकरण ने दिया था। उसी आदेश को अमल में लाने के लिए देवास के निवेशकों ने भारत सरकार की संपत्ति जब्त करने का आदेश देने की अपील की थी।
देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों में अमेरिकी निवेश समूह कोलंबिया कैपिटल और टेलीकॉम वेंचर्स के अलावा डायचे टेलीकॉम भी शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उपग्रह स्पेक्ट्रम उपयोग का अनुबंध रद्द किए जाने के मामले में आए मध्यस्थता अधिकरण के 1.3 अरब डॉलर के भुगतान के आदेश को अमल में लाने की अर्जी लगाई गई थी।
इस फैसले की उपलब्ध प्रति के मुताबिक, फ्रांसीसी अदालत ने देवास के शेयरधारकों को पेरिस के संभ्रांत इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट को न्यायिक तौर पर गिरवी रखने का आदेश दिया है। यह इमारत भारतीय दूतावास के उप प्रमुख के आवास के तौर पर इस्तेमाल की जाती रही है और इसका मूल्य करीब 38 लाख यूरो आंका गया है।
देवास मल्टीमीडिया के वरिष्ठ सलाहकार जय न्यूमैन ने कहा, "भारत सरकार की दुनिया में हर जगह इस तरह की संपत्तियां हैं। यह तो महज शुरुआत है। हम कई और संपत्तियों की जब्ती की भी योजना बना रहे हैं।"
देवास में निवेश करने वाली तीन कंपनियों ने इस मामले में 24 सितंबर 2021 को अदालत में अपील की थी। इनमें देवास मॉरीशस, टेलीकॉम देवास मॉरीशस और देवास एम्प्लायीज मॉरीशस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इस फैसले पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारत सरकार में से किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
देवास मल्टीमीडिया का इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स के साथ वर्ष 2005 में एक करार हुआ था जिसके तहत वह पट्टे पर एस- बैंड उपग्रह स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर मोबाइल फोनधारकों को मल्टीमीडिया सेवाएं मुहैया कराने वाली थी। लेकिन स्पेक्ट्रम नीलामी में धांधली के आरोप लगने के बाद वर्ष 2011 में इस सौदे को रद्द कर दिया गया था।
इस आदेश के खिलाफ देवास मल्टीमीडिया ने मध्यस्थता की कार्रवाई शुरू की। इस कंपनी में हिस्सेदारी रखने वाली मॉरीशस इंवेस्टर्स और डायचे टेलीकॉम भी इस मामले पर अलग से मध्यस्थता कार्रवाई शुरू कर दी थी। भारत को तीनों ही मामलों में हार का सामना करना पड़ा था।
भारत सरकार को सौदा निरस्त करने के एवज में 1.3 अरब डॉलर का भुगतान करने का आदेश मध्यस्थता अधिकरण ने दिया था। उसी आदेश को अमल में लाने के लिए देवास के निवेशकों ने भारत सरकार की संपत्ति जब्त करने का आदेश देने की अपील की थी।
देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों में अमेरिकी निवेश समूह कोलंबिया कैपिटल और टेलीकॉम वेंचर्स के अलावा डायचे टेलीकॉम भी शामिल हैं।
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