भारत ने कर दिखाया कमाल, इस लिस्ट में अमेरिका के बाद दूसरे नं. पर आया नाम
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 11:07 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत ने एक और क्षेत्र में वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इस बार बात है कारों की ढुलाई की- जहां अब देश ने रेलवे के ज़रिए कार ट्रांसपोर्ट में इतनी तेज़ तरक्की की है कि वह अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। कुछ साल पहले तक जहां ट्रकों का बोलबाला था, अब वहीं भारतीय रेलवे कार कंपनियों की पहली पसंद बनकर उभरी है। सुविधाजनक, सस्ता और पर्यावरण के लिहाज़ से बेहतर विकल्प होने के कारण रेल से कार भेजने का चलन तेजी से बढ़ा है। 2013-14 में जहां सिर्फ 1.5% कारें रेलवे से जाती थीं, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 24% से ऊपर पहुंच गया है।
50 लाख में से 12.5 लाख कारें भेजीं गईं रेल से
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष में देश में बनी 50.6 लाख कारों में से करीब 12.5 लाख कारें रेलवे से भेजी गईं। एक बड़े रेलवे अधिकारी ने कहा, 'सिर्फ पिछले चार सालों में, ट्रेनों से जाने वाली कारों की संख्या 14.7% से बढ़कर लगभग 24.5% हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि कार कंपनियों को रेलवे का विकल्प ज्यादा सस्ता, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल लग रहा है।
दुनिया में दूसरा नंबर बना भारत
कार ढुलाई में भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे उपयोगकर्ता बन गया है। पहले नंबर पर अमेरिका है, जहां करीब 75 लाख कारें रेल से जाती हैं। भारत ने इस मामले में चीन और जर्मनी जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है।
सड़क परिवहन पर असर लेकिन पर्यावरण को राहत
600 किमी से ज्यादा की दूरी तय करने वाली कारों के मामले में ट्रकों की हिस्सेदारी घटकर आधी रह गई है। इससे जहां सड़क परिवहन कंपनियों को नुकसान हुआ है, वहीं रेलवे ने इस अवसर को भुनाया है। अब 170 रैकों के ज़रिए देशभर में कारें भेजी जा रही हैं, जो 2013 में सिर्फ 10 थे।
SUV की ढुलाई भी आसान
रेलवे ने दो साल पहले अपने वैगनों को इस तरह डिजाइन किया कि SUV जैसी बड़ी गाड़ियां भी आसानी से लदी जा सकें। पहले एक रैक में सिर्फ 135 SUV जा पाती थीं, अब यह संख्या बढ़कर 270 हो गई है।