सुधारों को लागू करने के लिए उद्योग जगत को सरकार के साथ काम करना चाहिए: नायडू
punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 05:14 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को आयोजित एक सम्मेलन में उद्योग जगत से विभिन्न सुधारों को लागू करने के लिए सरकार के साथ मिलकार काम करने का आह्वान किया ताकि आने वाले दशक में सतत आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ''मिस्टिक साउथ-ग्लोबल-लिंकेज- टुवर्ड्स ए 1.5 ट्रिलियन इकोनोमी बाय 2025'' सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब अपनी प्रगति को दोबारा हासिल करने के निर्णायक बिंदु पर खड़ा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “अब सभी हितधारकों के लिए हाथ मिलाने और निरंतर आर्थिक गति सुनिश्चित करने का समय है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और उद्योग को अपनी तरफ से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास की उच्च गति बनी रहे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह समय की मांग है कि ऐसे कार्य शुरू किए जाएं जो अर्थव्यवस्था को उच्च विकास की पटरी पर वापस ले आएं, जिससे 2030 तक लाखों कामगारों के लिए लाभकारी रोजगारों का सृजन हो सके।
उपराष्ट्रपति सचिवालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार नायडू ने आवश्यक रोजगार और उत्पादकता वृद्धि हासिल करने के लिए भारत को आगे बढ़ाने की जरुरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण, स्वचालन, शहरीकरण, बढ़ती हुई आय, स्थिरता, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे वैश्विक रुझान महामारी को ध्यान में रखते हुए एक नया महत्व हासिल कर रहे हैं। ये रुझान भारत के लिए विकास को उत्प्रेरित कर सकते हैं और महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था के लिए हॉल मार्क भी बन सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि दक्षिण भारत विनिर्माण को सेवाओं के साथ, संस्कृति को आधुनिक मूल्यों के साथ और शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ता है तथा ज्यादातर दक्षिणी राज्य ''ईज ऑफ डूइंग बिजनेस'' रैंकिंग के मामले में शीर्ष पर हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ''मिस्टिक साउथ-ग्लोबल-लिंकेज- टुवर्ड्स ए 1.5 ट्रिलियन इकोनोमी बाय 2025'' सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब अपनी प्रगति को दोबारा हासिल करने के निर्णायक बिंदु पर खड़ा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “अब सभी हितधारकों के लिए हाथ मिलाने और निरंतर आर्थिक गति सुनिश्चित करने का समय है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और उद्योग को अपनी तरफ से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास की उच्च गति बनी रहे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह समय की मांग है कि ऐसे कार्य शुरू किए जाएं जो अर्थव्यवस्था को उच्च विकास की पटरी पर वापस ले आएं, जिससे 2030 तक लाखों कामगारों के लिए लाभकारी रोजगारों का सृजन हो सके।
उपराष्ट्रपति सचिवालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार नायडू ने आवश्यक रोजगार और उत्पादकता वृद्धि हासिल करने के लिए भारत को आगे बढ़ाने की जरुरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण, स्वचालन, शहरीकरण, बढ़ती हुई आय, स्थिरता, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे वैश्विक रुझान महामारी को ध्यान में रखते हुए एक नया महत्व हासिल कर रहे हैं। ये रुझान भारत के लिए विकास को उत्प्रेरित कर सकते हैं और महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था के लिए हॉल मार्क भी बन सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि दक्षिण भारत विनिर्माण को सेवाओं के साथ, संस्कृति को आधुनिक मूल्यों के साथ और शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ता है तथा ज्यादातर दक्षिणी राज्य ''ईज ऑफ डूइंग बिजनेस'' रैंकिंग के मामले में शीर्ष पर हैं।
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