Year Ender 2025: सुधारों की नाव पर सवार भारतीय अर्थव्यवस्था, 2025 में दिखी बेजोड़ मजबूती

punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 05:49 PM (IST)

नई दिल्ली: वैश्विक दबाव और सैन्य तनाव के बीच भी भारत की मजबूत आर्थिक उड़ान वर्ष 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित हुई है। वैश्विक चुनौतियों, पश्चिमी सीमा पर सैन्य तनाव और अमरीका द्वारा 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाए जाने के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ती नजर आ रही है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर सुधारों, सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल तथा निरंतर नीतिगत फैसलों के चलते आज भारत के अधिकांश आर्थिक संकेतक सकारात्मक स्थिति में हैं।

8% विकास दर, महंगाई दशक के निचले स्तर पर

बीते दो तिमाहियों में देश की आर्थिक वृद्धि दर औसतन 8 प्रतिशत के आसपास बनी हुई है, जबकि खुदरा महंगाई दशक के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। रिजर्व बैंक ने भी इस वर्ष लगातार नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर विकास को गति दी है। डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट के बावजूद चालू खाते का घाटा सीमित है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 700 अरब डॉलर के आसपास मजबूत बना हुआ है।

वैश्विक एजैंसियों का भरोसा, भारत की साख में सुधार

वैश्विक रेटिंग एजैंसियों ने भारत की आर्थिक स्थिति को सुधारों की निरंतरता और राजकोषीय-मौद्रिक नीति के बेहतर समन्वय का परिणाम बताया है। इसी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारत की विदेशी ऋण साख में सुधार किया गया है।  भारत वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोनों क्षेत्रों के पी.एम.आई. सूचकांक 50 से ऊपर बने हुए हैं। नवंबर में विनिर्माण पी.एम.आई. 55.7 और सेवा पी.एम.आई. 59.1 दर्ज किया गया।

GST में ऐतिहासिक कटौती से घरेलू मांग को बढ़ावा

सरकार ने घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए सितंबर में जी.एस.टी. दरों में ऐतिहासिक कटौती लागू की। जी.एस.टी. परिषद ने 4 स्लैब की जगह 2 स्लैब की व्यवस्था लागू कर 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं को सस्ता किया। जी.एस.टी. सुधारों के बाद खुदरा महंगाई अक्तूबर में 0.25 प्रतिशत और नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही, जिससे निवेश और उपभोग मांग को बल मिला। करों में कटौती के चलते सितंबर-अक्तूबर में रिकॉर्ड खरीदारी दर्ज की गई। इसके बावजूद नवंबर में जी.एस.टी. संग्रह बढ़कर 1.70 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।

12 लाख तक की आय कर मुक्त, मध्यम वर्ग को बड़ी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी बजट में 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर मध्यम वर्ग को अब तक की सबसे बड़ी राहत दी।  नया आयकर अधिनियम संसद से पारित हो चुका है, जो अप्रैल 2026 से लागू होगा। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। 

निर्यात में मजबूती, सेवाएं बनीं विकास की रीढ़

अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान वस्तु एवं सेवाओं का निर्यात 562 अरब डॉलर तक पहुंच गया। सेवाओं का निर्यात सबसे तेजी से बढ़ा। अप्रैल-सितंबर में 50.36 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया, जो अब तक का सर्वाधिक अर्ध-वार्षिक आंकड़ा है। सरकार ने श्रम कानूनों, बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफ.डी.आई. और परमाणु ऊर्जा में निजी निवेश को अनुमति देकर बड़े संरचनात्मक सुधार किए हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निरंतर सुधारों और मजबूत नीतियों के सहारे अर्थव्यवस्था विकास की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रही है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News