एफसीआई दिल्ली की मंडियों में एमएसपी पर गेहूं की खरीद करे: गोपाल राय
punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 10:15 PM (IST)
नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को मांग की कि केंद्र नरेला और नजफगढ़ मंडी में काउंटर स्थापित कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं की खरीद शुरू करने का भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को निर्देश दे।
राय ने कहा कि उनके विभाग ने दो पत्र लिखे थे, जिसमें एफसीआई से नरेला और नजफगढ़ अनाज मंडियों में काउंटर स्थापित करने का अनुरोध किया गया था।
मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एफसीआई ने कहा कि काउंटरों की स्थापना की गई है और खरीद एक अप्रैल से शुरू हो गई है। हालांकि, ये दावे झूठे हैं।’’ उन्होंने कहा कि नजफगढ़ और नरेला में कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) ने रिपोर्ट जमा कराया जिसमें कहा गया है कि एफसीआई ने वहां कोई काउंटर स्थापित नहीं किया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि केंद्र इस मामले में हस्तक्षेप करे और एफसीआई को दिल्ली में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गेहूं की खरीद शुरू करने का निर्देश दे।’’ राय ने इस मुद्दे की जांच करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर राष्ट्रीय राजधानी में यह स्थिति है, तो कल्पना कीजिए कि दूर के इलाकों में किसानों के साथ क्या हो रहा है। इससे पता चलता है कि किसान एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग क्यों कर रहे हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राय ने कहा कि उनके विभाग ने दो पत्र लिखे थे, जिसमें एफसीआई से नरेला और नजफगढ़ अनाज मंडियों में काउंटर स्थापित करने का अनुरोध किया गया था।
मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एफसीआई ने कहा कि काउंटरों की स्थापना की गई है और खरीद एक अप्रैल से शुरू हो गई है। हालांकि, ये दावे झूठे हैं।’’ उन्होंने कहा कि नजफगढ़ और नरेला में कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) ने रिपोर्ट जमा कराया जिसमें कहा गया है कि एफसीआई ने वहां कोई काउंटर स्थापित नहीं किया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि केंद्र इस मामले में हस्तक्षेप करे और एफसीआई को दिल्ली में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गेहूं की खरीद शुरू करने का निर्देश दे।’’ राय ने इस मुद्दे की जांच करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर राष्ट्रीय राजधानी में यह स्थिति है, तो कल्पना कीजिए कि दूर के इलाकों में किसानों के साथ क्या हो रहा है। इससे पता चलता है कि किसान एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग क्यों कर रहे हैं।’’
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