जीएसटी राजस्व में कमी : केरल, प. बंगाल ने कर्ज के लिए केंद्र के प्रस्ताव को माना
punjabkesari.in Wednesday, Nov 25, 2020 - 07:54 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) केरल और प. बंगाल ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी की भरपाई के लिए ऋण लेने के लिए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद अब ये दोनों राज्य रिजर्व बैंक की विशेष सुविधा के तहत कुल 10,197 करोड़ रुपये का कर्ज प्राप्त कर सकेंगे।
अभी तक ये राज्य केंद्र की ऋण योजना का विरोध कर रहे थे। केरल को 4,522 करोड़ रुपये और प. बंगाल को 6,787 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘केरल और प. बंगाल सरकार ने जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए विकल्प-एक को स्वीकार करने के बारे में सूचित किया है। अब तक 25 राज्य इस विकल्प को चुन चुके हैं।’’’
तीनों संघ शासित प्रदेशों...दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी ने भी विकल्प-एक ही चुना है।
मंत्रालय ने कहा कि अब अगले चरण में जुटाए जाने वाले ऋण से केरल और प. बंगाल को भी राशि मिलनी शुरू होगी।
बयान में कहा गया है कि केरल और प. बंगाल को जीएसटी के क्रियान्वयन से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 10,197 करोड़ रुपये मिलेंगे। केरल और प. बंगाल की ओर से पहले विकल्प को स्वीकार करने की सूचना मिलने के बाद केंद्र ने उन्हें अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति भी दी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अभी तक ये राज्य केंद्र की ऋण योजना का विरोध कर रहे थे। केरल को 4,522 करोड़ रुपये और प. बंगाल को 6,787 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘केरल और प. बंगाल सरकार ने जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए विकल्प-एक को स्वीकार करने के बारे में सूचित किया है। अब तक 25 राज्य इस विकल्प को चुन चुके हैं।’’’
तीनों संघ शासित प्रदेशों...दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी ने भी विकल्प-एक ही चुना है।
मंत्रालय ने कहा कि अब अगले चरण में जुटाए जाने वाले ऋण से केरल और प. बंगाल को भी राशि मिलनी शुरू होगी।
बयान में कहा गया है कि केरल और प. बंगाल को जीएसटी के क्रियान्वयन से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 10,197 करोड़ रुपये मिलेंगे। केरल और प. बंगाल की ओर से पहले विकल्प को स्वीकार करने की सूचना मिलने के बाद केंद्र ने उन्हें अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति भी दी है।
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