मंत्रिमंडल ने 10 क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 11, 2020 - 07:53 PM (IST)

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये बुधवार को दूरसंचार, वाहन और औषधि समेत 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) को मंजूरी दे दी। इन योजनाओं पर अगले पांच साल के दौरान करीब 2 लाख रुपये का खर्च किया जाएगा।

योजना से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, अयात पर निर्भरता कम होगी और रोजगार सृजन होगा। इनमें नई योजना पर खर्च 1,45,980 करोड़ रुपये होगा।

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पांच वर्षीय पीएलआई योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस योजना का मकसद भारतीय विनिर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।

निर्णय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएलआई योजना विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देगी और देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की ओर ले जाएगी।
मंत्रिमंडल ने सामाजिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं को निवेश के लिहाज से व्यावहारिक बनाने के लिये वित्त पोषण योजना का दायरा बढ़ाने का भी निर्णय किया। यह योजना फिलहाल आर्थिक बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिये ही है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने दो महत्वपूर्ण निर्णय किये...दोनों से अर्थव्यवस्था को जरूरी गति मिलेगी....। ये भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने में मददगार होंगी।’’
उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना से सरकार की तरफ से जरूरी समर्थन के रूप में महत्वपूर्ण उभरते क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा।

पीएलआई योजना के तहत जिन 10 क्षेत्रों को प्रोत्साहन दिया जाएग, उसमें एडवांस कैमेस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी शामिल हैं। इस क्षेत्र को 18,100 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। अन्य क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी उत्पाद (5,000 करोड़ रुपये), वाहन और वाहन कल-पुर्जे (57,042 करोड़ रुपये), औषधि (15,000 करोड़ रुपये), दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद (12,195 करोड़ रुपये), कपड़ा उत्पाद (10,683), खाद्य उत्पाद (10,900), उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मोड्यूल्स (4,500 करोड़ रुपये), रेफ्रिजरेटर,वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद (व्हाइट गुड्स) (6,238 करोड़ रुपये) और विशेष प्रकार के इस्पात (6,322 करोड़ रुपये) हैं।

सीमारमण ने कहा, ‘‘अगले पांच साल में 10 क्षेत्रों के लिये लायी गयी नई पीएलआई योजना पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है....।’’
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 10 क्षेत्रों के लिये घोषित पीएलआई योजना पर अगले पांच साल में 1,45,980 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इससे पहले, 51,311 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मजूरी दी गयी थी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस योजना से भारतीय विनिर्माण क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होगा, संबंधित क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी, दक्षता सुनिश्चित होगी, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बनेगा।

पीएलआई योजना का क्रियान्वयन संबंधित मंत्रालय/विभाग करेंगे। व्यक्तिगत क्षेत्रों के लिये पीएलआई को लेकर अंतिम प्रस्ताव का आकलन व्यय वित्त समिति (ईएफसी) करेगी और उसे मंजूरी मंत्रिमंडल देगा।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Related News