सेबी का प्रभात डेयरी को ऑडिटर के साथ सहयोग करने, 1,292 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश
punjabkesari.in Tuesday, Oct 20, 2020 - 10:54 PM (IST)
नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रभात डेयरी को फॉरेंसिक ऑडिटर के साथ सहयोग करने का मंगलवार को निर्देश दिया। साथ ही ऑडिट समाप्त होने तक के लिए सात दिन के भीतर एक राष्ट्रीय बैंक में 1,292 करोड़ रुपये जमा करने का भी आदेश दिया।
प्रभात डेयरी के वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के वित्तीय विवरणों से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए बाजार नियामक सेबी ने जुलाई में ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी को फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया था।
ऑडिटर को कंपनी के खातों में हेरा-फेरी, वित्तीय और कारोबार परिचालन में जोड़-तोड़ दिखाना और कंपनी के प्रवर्तकों, निदेशकों और प्रबंधन में शामिल अधिकारियों द्वारा धन को गलत तरीके से हस्तांतरित करने आदि की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि कंपनी और उसके प्रबंध निदेशकों के फॉरेंसिक ऑडिटर के साथ सहयोग नहीं करने की बात उसके संज्ञान में आयी है। वह ऑडिट शुरू करने के लिए अनिवार्य दस्तावेज और सूचनाएं ऑडिटर के बार-बार मांगने पर भी उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं।
नियामक ने कहा कि जब तक ऑडिट पूरा नहीं हो जाता वह यह तय नहीं कर सकती कि कंपनी ने किसी तरह की हेरा-फेरी की है या नहीं। इसलिए कंपनी और उसका प्रबंधन ऑडिट के काम ऑडिटर का सहयोग करें।
इसके अलावा सेबी को प्रभात डेयरी के खिलाफ शिकायत मिली है कि उसके प्रवर्तक/निदेशक निवेशकों को उनके लेन-देन के लिए वादे के मुताबिक बकाये का भुगतान नहीं करने की धोखाधड़ी का प्रयास कर रहे हैं।
इस संबंध में सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कंपनी को एक राष्ट्रीयकृत बैंक के विशेष एस्क्रो खाते में 1,292.46 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया। साथ ही ऑडिटर समिति से कहा कि वह आदेश के पालन की सूचना सेबी को 30 अक्टूबर 2020 से पहले उपलब्ध कराए।
साथ ही सेबी ने कंपनी और उसके अधिकारी सारंगधर रामचंद्र निर्मल और विवेक सारंगधर निर्मल को सात दिन के भीतर सभी अनिवार्य दस्तावेज ऑडिटर को सौंपने के निर्देश भी दिए।
भाषा
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रभात डेयरी के वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के वित्तीय विवरणों से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए बाजार नियामक सेबी ने जुलाई में ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी को फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया था।
ऑडिटर को कंपनी के खातों में हेरा-फेरी, वित्तीय और कारोबार परिचालन में जोड़-तोड़ दिखाना और कंपनी के प्रवर्तकों, निदेशकों और प्रबंधन में शामिल अधिकारियों द्वारा धन को गलत तरीके से हस्तांतरित करने आदि की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि कंपनी और उसके प्रबंध निदेशकों के फॉरेंसिक ऑडिटर के साथ सहयोग नहीं करने की बात उसके संज्ञान में आयी है। वह ऑडिट शुरू करने के लिए अनिवार्य दस्तावेज और सूचनाएं ऑडिटर के बार-बार मांगने पर भी उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं।
नियामक ने कहा कि जब तक ऑडिट पूरा नहीं हो जाता वह यह तय नहीं कर सकती कि कंपनी ने किसी तरह की हेरा-फेरी की है या नहीं। इसलिए कंपनी और उसका प्रबंधन ऑडिट के काम ऑडिटर का सहयोग करें।
इसके अलावा सेबी को प्रभात डेयरी के खिलाफ शिकायत मिली है कि उसके प्रवर्तक/निदेशक निवेशकों को उनके लेन-देन के लिए वादे के मुताबिक बकाये का भुगतान नहीं करने की धोखाधड़ी का प्रयास कर रहे हैं।
इस संबंध में सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कंपनी को एक राष्ट्रीयकृत बैंक के विशेष एस्क्रो खाते में 1,292.46 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया। साथ ही ऑडिटर समिति से कहा कि वह आदेश के पालन की सूचना सेबी को 30 अक्टूबर 2020 से पहले उपलब्ध कराए।
साथ ही सेबी ने कंपनी और उसके अधिकारी सारंगधर रामचंद्र निर्मल और विवेक सारंगधर निर्मल को सात दिन के भीतर सभी अनिवार्य दस्तावेज ऑडिटर को सौंपने के निर्देश भी दिए।
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