वृद्धि में सुधार के साथ भारत को पड़ सकती है मांग पक्ष में प्रोत्साहन की जरूरत : पनगढ़िया

punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2020 - 10:50 PM (IST)

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने शनिवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि में सुधार के साथ भारत को अब मांग पक्ष के लिये कुछ प्रोत्साहन की जरूरत पड़ सकती है।
उन्होंने कहा कि आयात लाइसेंसिंग लागू करना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के उन प्रावधानों का उल्लंघन होगा, जिनपर भारत ने हस्ताक्षर किये हैं।

पनगढ़िया ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के ‘इंडिया@75’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि अर्थव्यवस्था खुलने के बाद भंडार तेजी से जमा होने लगे तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत होगा कि मांग में सुस्ती की समस्या है। मुझे लगता है कि ऐसे में प्रोत्साहन काफी उपयोगी होगा।’’
पनगढ़िया ने कहा कि हस्तक्षेप के मौजूदा स्तर के बाद भी ऋण से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात इस साल के अंत तक कम से कम 72 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत पर पहुंच जाने वाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अर्थव्यवस्था के उबरने की शुरुआत के साथ मांग पक्ष में शायद थोड़े प्रोत्साहन की जरूरत पड़ने वाली है।’’
मई में सरकार ने कोरोना वायरस और बाद में लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये 21 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनगढ़िया ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था नरमी से जूझ रही थी। वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की अर्थव्यवस्था 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी।

उन्होंने कहा कि भारत में किसी बड़े राजकोषीय प्रोत्साहन का लाभ नहीं होता। उन्होंने कहा कि अमेरिका या यूरोप में भी इससे कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘बड़े प्रोत्साहन मदद कर सकते हैं, यदि आपूर्ति पक्ष की गति सकारात्मक रही हो।’’
सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिये यह जरूरी नहीं है कि आप हर उस चीज का उत्पादन करें, जिसका आप उपभोग करते हैं।

उन्होंने भारत में आयात शुल्क बढ़ाने की प्रवृत्ति में तेजी आने पर चिंता व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आयात प्रतिस्थापन (आयातित वस्तु को घरेलू स्तर पर तैयार वस्तु से स्थानापन्न करना) अच्छा विचार नहीं है।




यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News

Related News