एमएएसएसए ने भारतीय बंदरगाहों पर विदेशी नाविकों को कार्य मुक्त करने अनुमति का स्वागत किया
punjabkesari.in Saturday, Jul 18, 2020 - 04:58 PM (IST)
नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) वैश्विक सामुद्रिक संस्था एमएएसएसए ने भारत में विदेशी नाविकों को अपने कार्य से मुक्त होने की इजाजत देने के केंद्र सरकार के फैसले की तारीफ की है और कहा कि वे समुद्री यात्रियों के सफर को सविधाजनक बनाएंगे।
एमएएसएसए ने शनिवार को कहा कि इस फैसले से दुनिया भर के करीब 12 लाख नाविकों को फायदा होगा, जो अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक व्यापार मार्गों में शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने 17 जुलाई को जहाजरानी मंत्रालय के एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय बंदरगाहों से विदेशी नाविकों के प्रत्यावर्तन के लिए एक मानक परिचालन प्रोटोकॉल जारी किया।
यह प्रोटोकॉल भारतीय बंदरगाहों पर क्रूज जहाजों के अलावा अन्य जहाजों पर काम करने वाले विदेशी नाविकों के कार्य मुक्त होने की अनुमति देता है। इसके साथ ही इन नाविकों को वंदे भारत अभियान के तहत विशेष उड़ानों से विदेश जाने की अनुमति मिलती है।
एमएएसएसए ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि सरकार द्वारा भारतीय जलपोत कंपनियों के हित में लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एमएएसएसए ने शनिवार को कहा कि इस फैसले से दुनिया भर के करीब 12 लाख नाविकों को फायदा होगा, जो अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक व्यापार मार्गों में शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने 17 जुलाई को जहाजरानी मंत्रालय के एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय बंदरगाहों से विदेशी नाविकों के प्रत्यावर्तन के लिए एक मानक परिचालन प्रोटोकॉल जारी किया।
यह प्रोटोकॉल भारतीय बंदरगाहों पर क्रूज जहाजों के अलावा अन्य जहाजों पर काम करने वाले विदेशी नाविकों के कार्य मुक्त होने की अनुमति देता है। इसके साथ ही इन नाविकों को वंदे भारत अभियान के तहत विशेष उड़ानों से विदेश जाने की अनुमति मिलती है।
एमएएसएसए ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि सरकार द्वारा भारतीय जलपोत कंपनियों के हित में लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है।’’
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