सरकार विवाद से विश्वास योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर सुझाव लेने को तैयार: सीबीडीटी प्रमुख
punjabkesari.in Monday, Apr 06, 2020 - 10:41 PM (IST)
नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) केन्द्र सरकार पुराने बकाये कर के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्वास योजना’ के और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन के बारे में सुझाव लेने के लिये तैयार है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पी सी मोदी ने सोमवार को यह बात कही।
सरकार ने पुराने कर विवादों को निपटाने के लिये यह योजना जारी की है। इसमें एक निश्चित तिथि तक बिना दंड़, ब्याज के बकाये कर का भुगतान करने की सुविधा दी गई है।
अब तक कुल मिलाकर 9.32 लाख करोड़ रुपये का बकाया कर 4.83 लाख प्रत्यक्ष कर विवादों में फंसा हुआ है। यह राशि सरकार के 2018- 19 के प्रत्यक्ष कर राजस्व का 82 प्रतिशत तक है।
मोदी ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा विवाद से विश्वास योजना पर आयोजित वीडियो कन्फ्रेंसिंग में कहा कि कोई भी योजना अपने आप में संपूर्ण नहीं हो सकती है। इस योजना पर भी यह लागू होता है इसलिये उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार और सीबीडीटी योजना के और बेहतर क्रियान्वयन के लिये हर पक्ष से सुझाव लेने को लेकर तैयार है।
सम्मेलन के बाद जारी आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीपी भट्ट ने भी सबद्ध पक्षों को योजना का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न मंचों पर कर विवादों का बोझ भी कम होगा।
योजना के तहत विभिन्न अपीलीय मंचों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में जहां करदाताओं की अपील लंबित हैं ऐसे मामलों में करदाता के समक्ष 30 जून 2020 तक बकाया विवादित कर की पूरी राशि का भुगतान करने पर ब्याज और दंडात्मक राशि से छूट पाने का विकल्प है।
इसके साथ ही योजना में यह सुविधा भी दि गई कि जहां विवादित ब्याज और जुर्माने का बकाया है, ऐसे मामलों में 30 जून तक भुगतान करने पर ऐसे बकाया ब्याज और जुर्माने का केवल 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा।
इस योजना के तहत 31 जनवरी 2020 तक विभिन्न अपीलीय मंचों, आयुक्तों (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों अथवा उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित रिट याचिकाओं याफिर उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित विशेष अनुमति याचिका सभी को कवर किया गया है। योजना के तहत ऐसे सभी लंबित विवादों का निपटारा करने का विकल्प दिया गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सरकार ने पुराने कर विवादों को निपटाने के लिये यह योजना जारी की है। इसमें एक निश्चित तिथि तक बिना दंड़, ब्याज के बकाये कर का भुगतान करने की सुविधा दी गई है।
अब तक कुल मिलाकर 9.32 लाख करोड़ रुपये का बकाया कर 4.83 लाख प्रत्यक्ष कर विवादों में फंसा हुआ है। यह राशि सरकार के 2018- 19 के प्रत्यक्ष कर राजस्व का 82 प्रतिशत तक है।
मोदी ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा विवाद से विश्वास योजना पर आयोजित वीडियो कन्फ्रेंसिंग में कहा कि कोई भी योजना अपने आप में संपूर्ण नहीं हो सकती है। इस योजना पर भी यह लागू होता है इसलिये उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार और सीबीडीटी योजना के और बेहतर क्रियान्वयन के लिये हर पक्ष से सुझाव लेने को लेकर तैयार है।
सम्मेलन के बाद जारी आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीपी भट्ट ने भी सबद्ध पक्षों को योजना का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न मंचों पर कर विवादों का बोझ भी कम होगा।
योजना के तहत विभिन्न अपीलीय मंचों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में जहां करदाताओं की अपील लंबित हैं ऐसे मामलों में करदाता के समक्ष 30 जून 2020 तक बकाया विवादित कर की पूरी राशि का भुगतान करने पर ब्याज और दंडात्मक राशि से छूट पाने का विकल्प है।
इसके साथ ही योजना में यह सुविधा भी दि गई कि जहां विवादित ब्याज और जुर्माने का बकाया है, ऐसे मामलों में 30 जून तक भुगतान करने पर ऐसे बकाया ब्याज और जुर्माने का केवल 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा।
इस योजना के तहत 31 जनवरी 2020 तक विभिन्न अपीलीय मंचों, आयुक्तों (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों अथवा उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित रिट याचिकाओं याफिर उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित विशेष अनुमति याचिका सभी को कवर किया गया है। योजना के तहत ऐसे सभी लंबित विवादों का निपटारा करने का विकल्प दिया गया है।
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