कोरोना:: बैंकों ने किस्त अदायगी में मोहलत देने की कार्रवाई शुरू की, नौकरी जाने, वेतन कटौती की चिंता

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 10:57 PM (IST)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस महामारी पर अंकुश लगाने के लिये सरकार के 21 दिन की देश व्यापी पाबंदियों के 7वें दिन मंगलवार को कई बैंकों ने अपने ग्राहकों और कर्जदारों को राहत देते हुये कर्ज वापसी किस्त में तीन माह की रोक लगाने पर अमल शुरू कर दिया।
वहीं ई-वाणिज्य कंपनियों ने सामान घरों तक पहुंचाने का काम भी कुछ दिन के व्यवधान के बाद शुरू कर दिया लेकिन रोजगार का नुकसान और वेतन कटौती की वजह से प्रवासी मजदूरों सहित तमाम कामगारों की चिंता बनी हुई है।
विभिन्न राज्य सरकारों की तरफ से प्रवासी मजदूरों और रोजगार खो चुके कामगारों को सभी तरह की सुविधायें उपलब्ध कराये जाने का वादा किये जाने के बावजूद भविष्य को लेकर उनकी चिंता बरकरार है।
देशव्यापी लॉकडाउनल के 7वें दिन मंगलवार को केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से बैंकों, एटीएम में काम काज को सुचारू ढंग से चलाने के लिये हरसंभव कदम उठाने को कहा है। केन्द्र ने कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 27,500 करोड़ रुपये की राहत राशि आने वाले दिनों में लाभार्थियों के बैंक खातों में डाल दी जायेगी।
उधर बैंकों ने कहा है कि उन्होंने रिजर्व बैंक की घोषणा के अनुरूप अपनी सभी शाखाओं को सभी तरह के कर्जों की वापसी किस्तों में तीन माह की रोक लगाने के बारे में जरूरी निर्देश देना शुरू कर दिया है। इसके तहत आवास रिण, वाहन रिण, फसल रिण और सभी तरह के अन्य रिणों के वसूली किस्तों पर तीन माह के लिये रोक रहेगी। इससे लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों को वित्तीय तंगी से कुछ राहत मिलेगी।
निजी क्षेत्र के बैंकों से भी इसी तरह के कदम उठाये जाने की उम्मीद की जा रही है।
रिटेलर्स एसोसियेसन आफ इंडिया ने हालांकि ऐसी शिकायत की है कि बैंक तीन माह की रोक को लागू करने में अनाकानी कर रहे हैं। एसोसियेसन ने रिजर्व बैंक से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
इस बीच कुछ दूरसंचार कंपनियों ने खासतौर से अपने निम्न आय वर्ग के ग्राहकों के लिये कोरोना वायरस की वजह से लगाये गये लॉकडाउन अवधि के दौरान मुफ्त कॉल और मुफ्त एसएमएस सुविधा देने की घोषणा की है।
टैक्सी सुविधा उपलब्ध कराने वाले ओला प्लेटफार्म ने कहा है कि वह अपने ड्राइवरों- भागीदारों को 3,600 रुपये तक ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करायेगी ताकि कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान वह अपने घर का जरूरी खर्च चला सकें।
बहरहाल, सेवा क्षेत्र में ठेके पर और दिहाड़ी पर काम करने वाले कई मजदूरों और कामगारों के लिये नौकरी छूटने और वेतन नहीं मिलना सबसे बड़ी चिंता है। लॉकडाउन की वजह से उनके कारखाने और कामकाज बंद हैं। उधर, हालांकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में 21 हजार सहायत केन्द्र चलाये जा रहे हैं इनमें 6.6 लाख लोगों को ठहरने की सुविधा दी जा रही हैं।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने दैनिक प्रेस बीफ्रिंग में कहा कि इन केन्द्रों में 23 लाख से अधिक जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारत में 24 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है। कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिये यह लॉकडाउन लगाया गया है। कोरोना वायरस की वजह से भारत में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1,200 से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।



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PTI News Agency

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