‘शिक्षा विभाग का स्कूली बच्चों से डेटा मांगना गलत’

punjabkesari.in Friday, Sep 14, 2018 - 10:41 AM (IST)

वेस्ट दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों से पर्सनल डेटा मांगे जाने का विरोध शुरू हो गया है। खुद शिक्षक संघ इस बात के विरोध में उतर आया है। शिक्षक संघ का कहना है कि विभाग द्वारा बाकायदा एक फार्म भेजकर लोगों की पर्सनल डिटेल मांगी जा रही है, जो कानून गलत है। यह कार्य शिक्षकों को सौंपा गया है। अगर कोई अभिभावक अपनी निजी जानकारी साझा नहीं करेगा तो उसका जिम्मेदार भी शिक्षक को समझा जाएगा और उससे ही सवाल किए जाएंगे। 

शिक्षकों ने बताया कि इस फरमान के अलावा सीबीएसी की तरफ से भी पेरेंट्स और बच्चों की डिटेल्स मांगी गई है। जिसमें उनके हेल्थ चेकअप की सभी जानकारी, स्पोट्र्स और एजुकेशन जैसी तमाम जानकारियों को आफलाइन से आनलाइन अपडेट करने का जिम्मा शिक्षकों पर ही है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई में रुकावट पैदा हो रही है। गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि सभी काम विभाग शिक्षकों पर थोप देता है। 20 सितम्बर से बच्चों की परीक्षा भी शुरू हो रही हैं, लेकिन सरकार उस पर ध्यान न देकर नए नए नियमों का तुगलकी फरमान जारी कर रही है।

उन्होंने बताया कि 10 दिन के भीतर सभी जानकारी विभाग को सौंपनी है। जो बेहद मुश्किल है। सदस्यों का कहना है कि सरकार अभिभावकों से बच्चों के दाखिले के वक्त आधार या वोटर कार्ड की कॉपी मांगती है। लेकिन दोबारा मांगना समझ से परे है। शिक्षकों की मानें तो उनके पास पहले ही अनावश्यक कार्यों का दबाव है। साथ में कार्य को 10 दिन के भीतर पूरा करना बेहद मुश्किल है। सदस्यों का कहना है कि विभाग द्वारा ली गई जानकारी सुरक्षित नहीं होगी। साथ ही एक बाहरी संस्था इस डेटा की जांच करेगी। जिसके द्वारा कभी भी लोगों की पर्सनल जानकारी का दुरुपयोग किया जा सकता है। 
 


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pooja

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