संसार में होते हैं 3 प्रकार के लोग जानें, किस से करें दिल की बात और किस से रहें सावधान!

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2015 - 03:18 PM (IST)

अंतिम उपदेश

गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों में आज काफी उत्साह था। उनकी बारह वर्षों की शिक्षा आज पूर्ण हो गई थी। अब वे अपने घरों को लौट सकते थे। गुरु जी भी अपने शिष्यों की शिक्षा-दीक्षा से प्रसन्न थे और गुरुकुल की परम्परा के अनुसार शिष्यों को आखिरी उपदेश देने की तैयारी कर रहे थे।

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उन्होंने ऊंची आवाज में कहा, ‘‘आप सभी एक जगह एकत्रित हो जाएं, मुझे आपको आखिरी उपदेश देना है।’’

गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए, ‘‘आपको इन तीनों खिलौनों में अंतर ढूंढना है।’’ 

सभी शिष्य ध्यानपूर्वक खिलौनों को देखने लगे। तीनों लकड़ी से बने बिल्कुल एक समान दिखने वाले गुड्डे थे। जल्द ही शिष्यों ने पता लगा लिया और गुरुजी से बोले, ‘‘गुरु जी इन गुड्डों में बस इतना ही अंतर है-एक के दोनों कानों में छेद हैं, दूसरे के एक कान और एक मुंह में छेद है और तीसरे के सिर्फ एक कान में छेद है।’’

गुरु जी बोले, ‘‘बिल्कुल सही और उन्होंने धातु का एक पतला तार देते हुए उसे कान के छेद में डालने के लिए कहा।’’

शिष्यों ने वैसा ही किया। तार पहले गुड्डे के एक कान से होता हुआ दूसरे कान से निकल गया, दूसरे गुड्डे के कान से होते हुए मुंह से निकल गया और तीसरे के कान में घुसा पर कहीं से निकल नहीं पाया। 

तब गुरु जी ने शिष्यों से गुड्डे अपने हाथ में लेते हुए कहा, ‘‘प्रिय शिष्यो इन तीन गुड्डों की तरह ही आपके जीवन में तीन तरह के व्यक्ति आएंगे। पहला गुड्डा ऐसे व्यक्तियों को दर्शाता है जो आपकी बात एक कान से सुन कर दूसरे से निकाल देंगे, आप ऐसे लोगों से कभी अपनी समस्याओं की चर्चा न करें। दूसरा गुड्डा ऐसे लोगों को दर्शाता है जो आपकी बात सुनते हैं और उसे दूसरों के सामने जाकर बोलते हैं, इनसे बचें और अपनी महत्वपूर्ण बातें इन्हें कभी न बताएं। तीसरा गुड्डा ऐसे लोगों का प्रतीक है जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं और उनसे किसी भी तरह का विचार-विमर्श कर सकते हैं सलाह ले सकते हैं। यही वे लोग हैं जो आपकी ताकत हैं और इन्हें आपको कभी नहीं खोना चाहिए।’’


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