बहु राज्यीय सहकारी समितियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाएं: गहलोत
punjabkesari.in Monday, Oct 19, 2020 - 10:17 PM (IST)
जयपुर, 19 अक्तूबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आम जनता के हित में बहुराज्यीय सहकारी समितियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुधारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया।
गहलोत ने पत्र में लिखा है कि बड़ी संख्या में लोगों ने इस तरह की समितियों में पैसा लगा रखा है। राजस्थान में ही 73,000 से अधिक निवेशकों ने 1419.77 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की शिकायतें की हैं।
यहां जारी एक बयान के अनुसार गहलोत ने पत्र में लिखा है, ''अनेक राज्यों में काम करने वाली सहकारी समितियां भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में आती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय पंजीयक को निर्देश देकर इनमें सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।''
गहलोत के अनुसार इसके लिए जनहित को ध्यान में रखते हुये राज्यों के सहकारी विभाग को इस तरह की गड़बड़ी के मामले में कदम उठाने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
गहलोत के अनुसार केंद्र ने हाल ही में बैंकिंग नियमन कानून के प्रावधानों में संशोधन किया है जो कि सहकारिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसका राज्य सहकारी बैंकों के संचालन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से उक्त संशोधनों को वापस लेने की मांग की है। गहलोत के अनुसार उक्त नये प्रावधानों के तहत सहकारी बैंकों के सभी प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक को दे दिए गए हैं। ऐसे में सहकारी बैंकों के जो प्रशासनिक अधिकार राज्य सरकार के अधीन आते थे वे सभी रिजर्व बैंक के पास चले जाएंगे। गहलोत के अनुसार यह सहकारिता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गहलोत ने पत्र में लिखा है कि बड़ी संख्या में लोगों ने इस तरह की समितियों में पैसा लगा रखा है। राजस्थान में ही 73,000 से अधिक निवेशकों ने 1419.77 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की शिकायतें की हैं।
यहां जारी एक बयान के अनुसार गहलोत ने पत्र में लिखा है, ''अनेक राज्यों में काम करने वाली सहकारी समितियां भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में आती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय पंजीयक को निर्देश देकर इनमें सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।''
गहलोत के अनुसार इसके लिए जनहित को ध्यान में रखते हुये राज्यों के सहकारी विभाग को इस तरह की गड़बड़ी के मामले में कदम उठाने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
गहलोत के अनुसार केंद्र ने हाल ही में बैंकिंग नियमन कानून के प्रावधानों में संशोधन किया है जो कि सहकारिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसका राज्य सहकारी बैंकों के संचालन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से उक्त संशोधनों को वापस लेने की मांग की है। गहलोत के अनुसार उक्त नये प्रावधानों के तहत सहकारी बैंकों के सभी प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक को दे दिए गए हैं। ऐसे में सहकारी बैंकों के जो प्रशासनिक अधिकार राज्य सरकार के अधीन आते थे वे सभी रिजर्व बैंक के पास चले जाएंगे। गहलोत के अनुसार यह सहकारिता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।