मुंबई में दोबारा खुल सकेंगे डांस बार, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

punjabkesari.in Friday, Jan 18, 2019 - 05:31 AM (IST)

नेेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में डांस बार के लिये लाइसेंस और उसके कारोबार पर पाबंदी लगाने वाले कुछ प्रावधान वीरवार को निरस्त कर दिये। न्यायालय ने यह कहकर राज्य में डांस बार फिर से खोलने का मार्ग प्रशस्त कर दिया कि ‘‘नियम तय’’ हो सकता है लेकिन पूर्ण प्रतिबंध नहीं हो सकता।  न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने महाराष्ट्र के होटल, रेस्तरां और बार रूम में अश्लील नृत्य पर प्रतिबंध और महिलाओं की गरिमा की रक्षा संबंधी कानून, 2016 के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया है। इसमें सीसीटीवी लगाने की अनिवार्यता और बार रूम तथा डांस फ्लोर के बीच विभाजन जैसे प्रावधान शामिल हैं। 
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क्या है सुप्रीम कोर्ट की शर्ते

  • डांसर को अलग से टिप दी जा सकती है लेकिन पैसे नहीं उछाले सकते। 
  • शाम के 6 बजे से रात 11.30 बजे तक खुल सकेंगे डांस बार।
  • डांस बार के अंदर नहीं होगा CCTV
  • डांस बार में शराब परोसने और ऑर्केस्ट्रा को भी मिली इजाजत
  • डांसिग एरिया अलग रखने की शर्त हुई खारिज।
  • डांस बार में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए। 
  • धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थाओं से एक किलोमीटर दूर डांस बार खोलने की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान किया निरस्त।


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 न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि 2005 के बाद से अब तक एक व्यक्ति को भी (डांस बार का) लाइसेंस नहीं दिया गया। ऐसा नहीं किया जा सकता। इस संबंध में नियम तय किए जा सकते हैं, लेकिन पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने 2016 महाराष्ट्र कानून को चुनौती देने वाली होटल एवं रेस्तरां मालिकों की याचिकाओं पर अपना फैसला पिछले साल अगस्त में सुरक्षित रखा था।     

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इससे पूर्व याचिकाकर्ताओं ने पीठ को बताया था कि राज्य सरकार ने डांस बारों के संचालन की स्थितियों पर नया कानून बनाकर उच्चतम न्यायालय के पूर्ववर्ती आदेश को दरकिनार किया है। होटल और रेस्तरां मालिकों ने दलील दी कि राज्य सरकार ने यह रवैया अख्तियार कर लिया है कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश जारी करने के बावजूद डांस बारों का संचालन करने की इजाजत नहीं देगी। 


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vasudha

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