नए FDI नियमों पर अमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने सरकार से मांगा और वक्त

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 11:36 AM (IST)

नई दिल्लीः एक फरवरी से ई-कॉमर्स के लिए फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) पॉलिसी लागू होने जा रही है। ऐसे में अमेजॉन और फ्लिपकार्ट ने सरकार से इस पॉलिसी पहली फरवरी के बजाय बाद में लागू करने की मांग की है। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा, 'हम नए नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए फ्लिपकार्ट के कारोबार के सभी पहलुओं का आकलन कर रहे हैं। हालांकि हमारा मानना है कि नियमों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए ताकि नए प्रेस नोट की सभी बातें स्पष्ट हो सकें, साथ ही कस्टमर्स और छोटे सेलर्स के लिए किसी भी तरह की बाधा पैदा हुए बिना सभी मार्केटप्लेस पार्टिसिपेंट आसानी से बदलाव कर सकें।' 

मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि अमेजॉन ने पहली जून तक का वक्त मांगा है, वहीं वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट ने डेडलाइन छह महीने खिसकाने का अनुरोध किया है। एफडीआई पॉलिसी में बदलावों की घोषणा 26 दिसंबर को की गई थी। इससे समूची ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में खलबली है क्योंकि कंपनियों को अपने बिजनेस मॉडल में बड़े बदलाव करने होंगे। ऑफलाइन रिटेलर्स और ट्रेडर्स लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि विदेशी स्वामित्व वाली ऑनलाइन मार्केटप्लेस उत्पादों की कीमतों पर असर डालकर, ज्यादा डिस्काउंट देकर और इन्वेंटरी आधारित मॉडल को परोक्ष रूप से अपनाकर नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। 

अमेजॉन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस सर्कुलर का अध्ययन कर रही है और फिलहाल कंपनी कोई कॉमेंट नहीं करना चाहती है। फ्लिपकार्ट ने कहा, 'विचार-विमर्श कर बाजार आधारित रूप-रेखा बनाना जरूरी है। हमें उम्मीद है कि ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली निष्पक्ष नीतियों पर हम सरकार के साथ काम कर पाएंगे, जिनसे यह नवजात सेक्टर डिवेलप होगा और भारत एक कॉम्पिटीटिव इकनॉमी बन जाएगा।' 

सूत्रों ने बताया कि अमेजॉन ने डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन को मंगलवार को लिखे गए एक पत्र में कहा कि कंपनी को पहली फरवरी की डेडलाइन का पालन करने में परेशानी होगी क्योंकि उसे अपने बिजनेस मॉडल और सिस्टम्स में बदलाव करना पड़ेगा। इस अमेरिकी कंपनी ने यह भी कहा कि जब 2016 का प्रेस नोट 3 लागू हुआ था तो सरकार ने सभी पक्षों से चर्चा की थी, लिहाजा तब उसका पालन करने की खातिर जरूरी बदलाव करने का समय मिल गया था। उसने कहा कि वैसी चर्चा इस बार नहीं की गई। 

वहीं फ्लिपकार्ट ने डीआईपीपी से कहा कि पार्टनरों के साथ अपने हर कॉन्ट्रैक्ट पर उसे नए सिरे से बातचीत करनी पड़ेगी। सूत्रों के मुताबिक, फ्लिपकार्ट ने कहा कि चूंकि पहले कोई चर्चा नहीं की गई, लिहाजा कंपनी को जरूरी बदलाव करने के लिए समय चाहिए। पॉलिसी के मुताबिक, मार्केटप्लेस से जुड़ी कोई भी इकाई या कोई भी ग्रुप एंटिटी कंज्यूमर्स को सीधे बिक्री नहीं कर सकेगी। 


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jyoti choudhary

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