कांग्रेस ने विजयन पर साधा निशाना, पुलिस कार्रवाई की तुलना ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ से की

punjabkesari.in Monday, Nov 19, 2018 - 08:55 PM (IST)

कोच्चि : सबरीमला ‘सन्निधानम’ में श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की तुलना ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से करते हुए कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधा और पूछा कि क्या राज्य में हिटलर का शासन है। सन्निधानम के नादपंडाल इलाके में नए सिरे से प्रदर्शन शुरू होने के बाद रविवार रात को 30 से अधिक प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुलिस पाबंदियों के खिलाफ आंदोलन किया। चेन्निथला ने कहा कि प्रदर्शन का झंडा उठाने वाले लोग वास्तविक श्रद्धालु थे। वे भाजपा कार्यकर्ता या उग्रवादी नहीं थे।

गौरतलब है कि जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता चेन्निथला ने सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ गठबंधन पर सबरीमला में पूजा-अर्चना की आजादी पर रोक लगाने का आरोप लगाया और मांग की कि सरकार धारा 144 हटाए। इस मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ खुले आंदोलन का ऐलान करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने निषेधाज्ञा को वापस नहीं लिया तो विपक्षी यूडीएफ का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को इसका उल्लंघन करेगा।

चेन्निथला ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में वह खुद, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, यूडीएफ के संयोजक बेनी बेहनानन, आईयूएमएल नेता एम के मुनीर, केरल कांग्रेस (एम) के नेता पी जे जोसफ, आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन, सीएमपी नेता सी पी जॉन और फॉरवर्ड ब्लॉक के देवराजन शामिल होंगे जो मंगलवार को मंदिर जाएंगे। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि सरकार अयप्पा श्रद्धालुओं पर संघ परिवार के कार्यकर्ता होने का ‘ठप्पा’ लगाने का प्रयास कर रही है और इससे आरएसएस को, लोगों को अपने पाले में खींचने में मदद मिलेगी।

चेन्निथला ने कहा, ‘यह पुलिस की मनमानी है। निर्दोष श्रद्धालु जो वलिया नादपंडाल (ढके हुए मार्ग) में आश्रय लेना चाहते थे उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है। वे सभी संघ परिवार के कार्यकर्ता नहीं हैं जो परेशानी पैदा करने के लिए वहां पहुंचे। क्या केरल में हिटलर (नाजी शासक एडोल्फ हिटलर) का शासन है।’ उन्होंने सरकार से शांति भंग करने के लिए मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के खिलाफ ही कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

चेन्निथला ने कहा कि पूजा करने के लिए पहाडिय़ों पर चढऩे वाले असली श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मंदिर शुक्रवार को 64 दिवसीय वाॢषक तीर्थयात्रा सत्र के लिए खोला गया है। 28 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने एक व्यवस्था में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी जिसके बाद से यहां टकराव जारी है।


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shukdev

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