पाक की 6 साल की जैनब को मिला इंसाफ, दोषी को हुई फांसी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 10:30 AM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में छह वर्षीय जैनब अमीन के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषियों को कड़ी सजा देते हुए अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद बुधवार को इमरान अली को लाहौर के कोट लखपत केंद्रीय जेल में फांसी दी गई। मजिस्ट्रेट आदिल सरवर और मृतका के पिता मोहम्मद अमीन, दोनों की उपस्थिति में इमरान अली को फांसी दी गई है। दोनों सुबह कोट लखपत जेल में पहुंचे थे। जैनब के अंकल भी कोट लखपत जेल मौजूद रहे। इस दौरान कोट लखपत जेल में एक एम्बुलेंस भी पहुंची थी, जिसमें दोषी के एक भाई के साथ-साथ उसके दो दोस्त भी थे।
PunjabKesari
जैनब के पिता ने किया अभार व्यक्त 
अली को फांसी की सजा देने के दौरान कोट लखपत जेल के चारों ओर दंगा-निरोधक बल और पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था थी। जैनब के पिता अमीन अंसारी ने अली की फांसी के बाद मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश का आभार वयक्त किया और कहा कि न्याय मिला है। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि अधिकारियों ने फांसी की सजा का सीधा प्रसारण करने की अनुमति नहीं दी।
PunjabKesari
जेल प्रशासन ने की थी कड़ी व्यवस्था 
फांसी के बाद अली के परिवार को उसका शव कसुर ले जाने के लिए सौंप दिया गया और साथ में पुलिस की एक टुकड़ी भेजी गई। जेल प्रशासन ने मंगलवार शाम को अली से 57 रिश्तेदारों की मिलने की व्यवस्था करवाई।  
PunjabKesari
इस वर्ष जनवरी में हुई थी घटना
बता दें कि इमरान अली ने कसूर की एक नाबालिग लड़की को जनवरी में ट्यूशन सेंटर के रास्ते से अगवा कर लिया था। उसके गायब होने के कुछ दिन बाद उसका शव एक कचरा डंप बॉक्स में बरामद हुआ था। जांच के बाद पता चला कि लड़की का रेप कर उसे मार डाला गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग लड़की को मारने से पहले उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया था। इस घटना के पाकिस्तान उबल पड़ा था और कसूर सहित अन्य प्रमुख शहरों में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे। बाद में पुलिस ने इमरान अली को नाबालिग के रेप और मर्डर के मामले में अरेस्ट किया।

9 लड़कियों से रेप का जुर्म कबूला
इमरान अली ने जैनब अंसारी समेत नौ लड़कियों से बलात्कार करने का गुनाह कबूल किया था। एटीसी ने इमरान अली को नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया। दोषी ने पहले लाहौर उच्च न्यायालय में अपील की थी कि और कहा था कि उसे दी गई सजा रद्द कर दी जाए। लेकिन लाहौर उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद जून में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के लिए इमरान अली को दी गई मौत की सजा पर मुहर लगते हुए कहा कि समाज में ऐसे लोगों को जीने का कोई हक नहीं है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News