रैफरैंडम 2020 का जबरदस्त विरोध, ब्रिटिश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन

punjabkesari.in Saturday, Aug 11, 2018 - 10:27 AM (IST)

इंटरनैशनल डेस्कः लंदन में होने वाले रैफरैंडम 2020 के विरोध व खालिस्तान बनाने के नाम पर भारत में कत्लेआम करने वाले खालिस्तानी आतंकवादियों को भारत को सौंपने की मांग को लेकर एंटी टैरारिस्ट फ्रंट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.एस. बिट्टा के नेतृत्व में आज ब्रिटिश हाई कमीशन पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद ब्रिटिश हाई कमिश्नर को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इस मौके पर बिट्टा ने कहा कि ब्रिटिश सरकार खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रही है। फ्रंट के अध्यक्ष एम.एस. बिट्टा ने कहा कि यू.के. में शरण लिए हुए आतंकियों ने फिर अपनी सुगबुगाहट शुरू कर दी है।
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हिंदुस्तान में पंजाब को अलग कर खालिस्तान प्रदेश बनाने की मांग को लेकर वह वहां पर रैली निकालेंगे। उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। बिट्टा के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों ने त्रिमूर्ति भवन से ब्रिटिश हाई कमीशन तक मार्च कर खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ  अपने गुस्से का इजहार किया। इस मौके पर बिट्टा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी भारत में कत्लेआम मचाने और मासूम बच्चों तक की हत्या कर यू.के. में शरण लिए हुए हैं और वहां की सरकार उनको संरक्षण दे रही है। ये आतंकवादी 12 अगस्त को वहां पर रैली निकाल कर खालिस्तान की मांग उठा रहे हैं। वे चाहते हैं कि हिन्दुस्तान से पंजाब को अलग कर उसे खालिस्तान प्रदेश बनाएं।
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आतंकवादियों के संगठन एस.एफ .जे. की इस मांग को किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने देंगे। न तो खालिस्तान बना है, न बनेगा और न ही बनने देंगे। यह एंटी टैरारिस्ट फ्रंट का ऐलान और शपथ है। बिट्टा ने कहा कि जो भगौड़े हैं उन्हें यू.के. सरकार संरक्षण न देकर भारत को सौंपे ताकि हिन्दुस्तान उन्हें सजा दे सके।  राष्ट्रीय महासचिव विनोद भारद्वाज ने कहा कि आज का उनका प्रदर्शन 12 अगस्त को यू.के. में होने वाली खालिस्तानी आतंकवादियों की रैली का जवाब है। उन्होंने कहा ब्रिटिश सरकार को ऐसे आतंकवादियों पर लगाम लगानी चाहिए।  
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संगठन के अध्यक्ष बक्शी परमजीत सिंह ने बताया कि खालिस्तान के संबंध में प्रचारित किए जा रहे लंदन में होने वाले रैफरैंडम 2020 की भारतीय सिखों  ने  कड़े  शब्दों  में ङ्क्षनदा की है।  साथ ही कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि सिखों का भविष्य सिर्फ  भारत में ही सुरक्षित है और खालिस्तान की मांग उनके लिए आत्मघाती है। 


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Isha

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