जानिए, स्पीकर को क्यों मंजूर करना पड़ा अविश्वास प्रस्ताव

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 01:46 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सरकार के खिलाफ टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज मंजूरी दे दी। हालांकि स्पीकर ने अभी चर्चा कब कराई जाएगी इस पर फैसला नहीं किया है। दरअसल, TDP आज से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी जिसे स्पीकर को मंजूर करना पड़ा। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण सदन में लटके महत्वपूर्ण बिल हैं जिसे पास करवाना सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है।

आखिरी शीतकालीन सत्र, लंबित पड़े हैं अहम बिल
18 जुलाई से शुरु हुआ संसद का मानसून सत्र सरकार के लिए काफी मायने रखता है। क्योंकि ये मानसून सत्र मोदी सरकार के लिए आखिरी सत्र साबित हो सकता है। केंद्र सरकार के कार्यकाल के अब केवल 10 महीने ही शेष हैं। इस सत्र में कई ऐसे बिल लंबित हैं, जिन्हें मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आने के तुरंत बाद लेकर आई थी, लेकिन उन्हें पारित नहीं करवा पाई। हालांकि सरकार ने लंबित बिलों में से 12 बिल बहुमत वाले सदन लोकसभा में पारित करा लिए हैं, लेकिन वे राज्यसभा में अटके हुए हैं। कई बिल लोकसभा में अटके हुए हैं। जिनमें तीन तलाक और मासूमों से रेप पर फांसी के लिए आपराधिक कानून संशोधन बिल अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 

एक नजर अहम बिलों की सूची परः

  • भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश 2018, 
  • आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018, 
  • उच्च न्यायालयों की कमर्शियल अदालतें, कमर्शियल डिविजन्स और कमर्शियल अपीलीय डिविजन्स (संशोधन) अध्यादेश 2018,
  • होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश 2018, 
  • राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश 2018
  • इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2018 शामिल हैं।


इन विधेयकों पर भी होगी चर्चा: 

  • सत्र के दौरान चर्चा के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, महत्वपूर्ण बंदरगाह प्राधिकार विधेयक 2016, 
  • राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2017
  • भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 2013 को भी एजेंडे में रखा गया है। 
  • सार्वजनिक परिसर अनधिकृत कब्जा को हटाने संबंधी संशोधन विधेयक 2017
  • दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2017
  • जन प्रतिनिधि संशोधन विधेयक 2017


भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 19 अगस्त 2013 को राज्यसभा में पेश किया गया था। बाद में इसे प्रवर समिति को भेजा गया जिसने 12 अगस्त 2016 को राज्यसभा में रिपोर्ट पेश की थी। यह विधेयक राज्यसभा में पास होने के बाद लोकसभा में पेश किया जा सकता है। 


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Seema Sharma

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