कोर्ट में केजरीवाल की दलीलें, जज की आपत्तियां और ED का बयान... जानिए अदालत में क्या-क्या हुआ

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 10:13 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी की हिरासत गुरूवार को एक अप्रैल तक बढ़ा दी। मुख्यमंत्री ने खुद अदालत में दलीलें रखते हुए आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का उद्देश्य आम आदमी पार्टी (आप) को खत्म करना है। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि देश के सामने आम आदमी पार्टी के भ्रष्ट होने की झूठी तस्वीर पेश की जा रही है। ईडी ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू अदालत की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया तथा आगे और सात दिन की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का मामले से जुड़े कुछ लोगों से आमना-सामना कराने की जरूरत है। अदालत ने केजरीवाल की हिरासत एक अप्रैल तक बढ़ा दी।

मेरा नाम केवल चार बयानों में है- केजरीवाल
कार्यवाही शुरू होने के ठीक बाद, आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अदालत से अनुमति लेने के बाद अपनी दलीलें रखीं, हालांकि उनके वकील वहां मौजूद थे। केजरीवाल ने अदालत में कहा, ‘‘केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अब तक इस मामले में 31,000 पन्नों की रिपोर्ट अदालत में दाखिल की है और 294 गवाहों से इस मामले में पूछताछ की जा चुकी है। ईडी ने अब तक 162 लोगों से पूछताछ की है और 25,000 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की है। इन सभी दस्तावेजों और रिपोर्ट के बाद मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया? मेरा नाम केवल चार बयानों में है।''

अपने नाम के उल्लेख वाले चार बयानों के बारे में केजरीवाल ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव सी अरविंद ने एक बयान दिया था। इसके मुताबिक, मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में उनकी (केजरीवाल की) मौजूदगी में सिसोदिया ने सी अरविंद को आबकारी नीति संबंधी कुछ दस्तावेज सौंपे। केजरीवाल ने कहा, ‘‘उन्होंने (सी अरविंद) केवल इतना कहा है कि मनीष सिसोदिया ने सी अरविंद को कुछ दस्तावेज दिए थे। कई विधायक, मंत्री और गणमान्य व्यक्ति अपने सचिवों के साथ मेरे घर आते हैं।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे बातचीत करते हैं और दस्तावेज एक-दूसरे को सौंपते हैं। मुझे कैसे पता चलेगा कि कौन किसे क्या दे रहा है? क्या यह बयान मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त कारण है?'' केजरीवाल ने दूसरे बयान का विवरण देते हुए कहा कि मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) जगन मोहन रेड्डी की पार्टी (वाईएसआरसीपी) से सांसद हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘‘मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी 16 मार्च, 2021 को शाम 4.30 बजे मेरे कार्यालय आए। उन्होंने मेरे कार्यालय को एक ई-मेल भेजा था कि वह सांसद हैं और मुझसे मिलना चाहते हैं।''

केजरीवाल ने कहा, ‘‘मेरे कार्यालय ने उन्हें 10 दिनों के बाद मुझसे मिलने का समय दिया। उन्होंने आकर कहा कि मैं दिल्ली में अपने परिवार का धर्मार्थ ट्रस्ट खोलना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा कि जमीन मामलों पर हमारा नियंत्रण नहीं है, यह उपराज्यपाल के अधीन है।'' दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी ने एजेंसी को तीन बयान दिए लेकिन केवल एक पर विचार किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईडी की 25,000 पन्नों की रिपोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ जो एकमात्र बयान है, उसे ही क्यों शामिल किया गया और बाकी दो बयानों पर विचार क्यों नहीं किया गया? तीनों बयानों को अदालत के संज्ञान में लाया जाना चाहिए था, ताकि वह सच्चाई का फैसला कर सके।'' तीसरे व्यक्ति राघव मगुंटा के बयान के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कुल सात बयान थे, छह उनके (केजरीवाल) खिलाफ नहीं थे। लेकिन जैसे ही मगुंटा ने उनके खिलाफ सातवां बयान दिया, मगुंटा को जेल से रिहा कर दिया गया।

केजरीवाल ने कहा कि शरत चंद्र रेड्डी उनके नाम का उल्लेख करते हुए बयान देने वाले चौथे व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड्डी ने अपनी गिरफ्तारी से पहले अपने दो बयानों और गिरफ्तार होने के बाद नौ बयानों में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं कहा। केजरीवाल ने अदालत में सवाल किया कि क्या चार बयान एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी हैं। उन्होंने दावा किया कि ईडी के इस दावे को लेकर कोई सबूत नहीं है कि आप ने 100 करोड़ रुपये लिये। उन्होंने कहा कि असल शराब नीति घोटाला ईडी की जांच शुरू होने के बाद हुआ।

AAP को खत्म करना चाहती है ED
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईडी की जांच के दो मुख्य उद्देश्य हैं-पहला आम आदमी पार्टी को खत्म करना और उसे भ्रष्ट घोषित करना।'' उन्होंने कहा कि दूसरा मकसद देश के सामने आम आदमी पार्टी के भ्रष्ट होने की झूठी तस्वीर पेश करना है। केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या केंद्र का जिक्र किए बिना आरोप लगाया कि वे आम आदमी पार्टी को आबकारी नीति मामले में आरोपी बनाकर इन सबके पीछे अपना चुनावी बॉण्ड घोटाला चलाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘वे चुनावी बॉण्ड के नाम पर धन उगाही कर रहे थे।''

ईडी ने दी यह दलील
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने केजरीवाल और उनके वकील की दलीलों पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों ने बाद में उनका नाम लिया, उन्होंने ऐसा करने के कारणों का खुलासा किया है। यह कागजात में दर्ज है। ये सभी बयान दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दर्ज कराये गए हैं।''

एएसजी ने कहा, ‘‘वह आप के मामलों के प्रभारी हैं, जिन्होंने गोवा चुनावों में इस्तेमाल की गई रिश्वत की रकम प्राप्त की। हमारे पास यह कहने के लिए गवाह हैं कि पैसा साउथ ग्रुप से हवाला के जरिए आया था...'' ईडी अधिकारियों ने केजरीवाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की कानूनी प्रक्रियाओं के तहत मामले की जांच कर रहे हैं और एजेंसी अदालतों के समक्ष आरोपपत्र दाखिल कर रही है।


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Content Writer

Yaspal

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