रेप पर फांसी को लेकर दिल्ली HC ने उठाए सवाल, पूछा- क्या आपने रिसर्च की?

punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 05:19 AM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से पूछा कि 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के जुर्म में दोषी को मौत की सजा का प्रावधान करने वाला अध्यादेश लाने से पहले क्या उसने कोई शोध या वैज्ञानिक आकलन किया था? उच्च न्यायालय ने एक पुरानी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल किया। जनहित याचिका में 2013 के आपराधिक विधि (संशोधन) कानून को चुनौती दी गई है। इस कानून में बलात्कार के दोषी को न्यूनतम सात साल जेल की सजा और इससे कम सजा देने के अदालत के विवेकाधिकार के प्रावधान खत्म कर दिए गए थे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने सरकार से पूछा,‘‘ क्या आपने कोई अध्ययन, कोई वैज्ञानिक आकलन किया कि मौत की सजा बलात्कार की घटनाएं रोकने में कारगर साबित होती है? क्या आपने उस नतीजे के बारे में सोचा है जो पीड़िता को भुगतना पड़ सकता है? बलात्कार और हत्या की सजा एक जैसी हो जाने पर कितने अपराधी पीड़ितों को जिंदा छोड़ेंगे?’’

केंद्रीय कैबिनेट ने दो दिन पहले आपराधिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी जिसमें 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के जुर्म में दोषियों को कम से कम 20 साल जेल से लेकर उम्रकैद या मौत की सजा तक देने के सख्त प्रावधान किए गए। यदि पीड़िता की उम्र 16 से कम और 12 साल से अधिक होगी तो, अध्यादेश के मुताबिक, दोषी को दी जाने वाली न्यूनतम 10 साल जेल की सजा को बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News