भारत के दबाव में बदले चीन के सुर, मुंबई हमले को लेकर दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 10:45 AM (IST)
बीजिंगः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चौथी बार पुलवामा हमले मास्टरमाइंड और भारत में मोस्टवांटेड पाकिस्तानी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी करार दिए जाने के प्रस्ताव पर वीटो लगाने के बाद चीन को भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के दबाव में अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। उसने पहली बार 2008 के मुंबई हमले को 'अत्यंत भीषण' आतंकवादी हमला करार दिया है। चीन ने पाकिस्तान में बैठकर खौफनाक साजिश रचने वाले आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का भी नाम लिया है। ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन की यात्रा पर हैं।
बता दें कि हाल ही में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर वीटो लगाया है। मसूद अजहर के मामले में चीन का यूं अडंगा लगाना भारत समेत कई देशों को अखरा है। ऐसे में चीन का मुंबई हमले के बारे में ऐसा बयान देना चीन के रुख में हैरान करने वाला बदलाव है। मालूम हो कि 2008 के मुंबई Terror Attack को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था। भारत पर अब तक के सबसे बड़े हमले में 150 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
अपने अशांत शिनजियांग प्रांत में आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान पर जारी श्वेत पत्र में चीन ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद और उग्रवाद के वैश्विक प्रसार ने मानवता पर आघात पहुंचाया है। श्वेत पत्र में मुंबई आतंकवादी हमले को 'सबसे भीषण आतंकवादी हमलों' में से एक करार दिया गया है। दिचलस्प बात यह है कि 'शिनजियांग में आतंकवाद एवं उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई और मानवाधिकारों की सुरक्षा' शीर्षक वाले इस श्वेत पत्र को ऐसे समय में जारी किया गया है, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन की यात्रा करने वाले हैं।
चीन के स्टेट काउंसिल इंफॉर्मेशन ऑफिस की तरफ से जारी श्वेत पत्र में कहा गया है कि दुनियाभर में आतंकवाद और उग्रवाद ने शांति और विकास के लिए गंभीर खतरा बना गया है, इससे लोगों की जिंदगी और संपत्ति को भी खतरे में डाल दिया है। हालांकि, यह श्वेत पत्र चीन के दोहरे रवैये को ही प्रदर्शित कर रहा है। अभी पिछले हफ्ते ही चीन ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो कर रोक दिया था। जैश ने पुलवामा समेत भारत में कई आतंकी हमले कराए हैं। जैश ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।