केजरीवाल सरकार पर बरसे केंद्रीय मंत्री, कहा- दिल्ली को रहने लायक नहीं छोड़ा

punjabkesari.in Thursday, Feb 22, 2018 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली को ‘लगभग न रहने योग्य’ शहर बताते हुये इस स्थिति के लिये दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पुरी ने आज यहां ‘भवन निर्माण सामग्री और नयी तकनीक’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुये शहरी विकास योजना की नीतियों और व्यवस्था को दोष देने के बजाय इसे लागू करने में खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी का उदाहरण देते हुये कहा कि देश और दुनिया के लिये आदर्श बनाया जा सकने वाला शहर दिल्ली आज लगभग न रहने योग्य बन गया है। पुरी ने कहा कि व्यवहारिक होकर सोचें तो इस समस्या के लिये कोई एक पक्ष दोषी नहीं है। बतौर शहरी विकास मंत्री मुझे इन समस्याओं की वजह जानने का मौका मिला, जिसके हवाले से मैं कह सकता हूं कि इसके लिये नीतियां जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि दिल्ली का राजनीतिक नेतृत्व जिम्मेदार है।

 

उन्होंने दिल्ली में वायु प्रदूषण सहित तमाम अन्य समस्याओं की मूल वजह त्वरित यातायात के साधनों की कमी को बताते हुये कहा कि आॢथक समृद्धि के साथ लोगों का कारें खरीदना स्वभाविक है, ऐसे में दिल्ली का राजनीतिक नेतृत्व सार्वजनिक यातायात बेहतर करने के बजाय कार खरीदने वालों को दोषी ठहरा रहा है। पुरी ने केजरीवाल सरकार का नाम लिये बिना कहा कि अगर आपका राजनीतिक नेतृत्व, जिसके लिये आप समझ सकते हैं कि इस नेतृत्व को लेकर मेरे दिमाग में कौन है, सार्वजनिक यातायात सुनिश्चित करने के बारे में निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, तो इस समस्या के लिये वही जिम्मेदार है।   

उन्होंने कहा कि दिल्ली में 11000 बसों की मौजूदा क्षमता में से यदि 7000 बसों की कमी है, तो इसे बसों का ‘अभाव नहीं बल्कि आपराधिक लापरवाही’ कहा जायेगा। पुरी ने कहा कि ऐसे में उनका मंत्रालय और मेट्रो प्रबंधन दिल्ली में मेट्रो रेल को वैकल्पिक समाधान के तौर पर हरसंभव बढ़ावा दे रहा है। इसी का नतीजा है कि दिल्ली मेट्रो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गयी है।   

 

पुरी ने मेट्रो सहित अन्य परियोजनाओं के लंबित होने के लिये दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना का फैसला तीन साल से, रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरीडोर का फैसला दो साल से लंबित है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिये बिना कहा कि इन फैसलों के लंबित होने से संबद्ध व्यक्ति से जब भी मैं मिलता हूं, तब इन परियोजनाओं के फैसलों पर जल्द कार्रवाई के लिये कहता हूं, लकिन मुझे यही भरोसा दिलाया जाता है कि बस एक सप्ताह में कर देंगे, लेकिन होता कुछ नहीं है।

पुरी ने कहा कि दिल्ली को वास्तव में रहने लायक विश्वस्तरीय शहर बनाना है तो सभी पक्षों को मिलकर इस दिशा में गंभीर और त्वरित प्रयास करने होंगे। 


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