विवादित इस्लाम उपदेशक जाकिर नाईक का भारत लौटन से इंकार, खबरों को बताया अफवाह

punjabkesari.in Wednesday, Jul 04, 2018 - 04:36 PM (IST)

इंटरनैशनल डैस्कः सांप्रदायिक अशांति फैलाने, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों में वांछित विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक आज भारत लौट सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मलयेशियाई पुलिस ऑफिसर ने जाकिर  के प्रत्यर्पण की पुष्टि की है। जाकिर नाइक पर राष्ट्रीय जांच एजैंसी ने 2017 में आपराधिक मामला दर्ज किया था।  उधर किर नाइक ने अपने भारत लौटने की खबरों को खारिज कर दिया है और कहा है कि यह सरासर अफवाह है। हालांकि इस खबर पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रवक्ता अलोक मित्तल ने कहा कि उनके पास इससे जुड़ी अभी कोई जानकारी नहीं है । उन्होंने कहा कि वह इसकी पुष्टि कर रहे हैं। जाकिर नाइक ने अपने बयान में कहा है कि मेरे भारत लौटने की खबरें पूरी तरह निराधार और अफवाह हैं। जब तक गलत अभियोजन से मैं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करूंगा तब तक मेरी भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है। जब मैं यह महसूस करूंगा कि सरकार मेरे साथ निष्पक्ष होगी तब मैं अपने देश जरूर वापस आ जाऊंगा।
PunjabKesari
बता दें, नाईक एनआईए और ईडी की जांच का सामना कर रहा है क्योंकि बांग्लादेश ने कहा था कि पीस टीवी पर उसका भाषण ढाका में 2016 के हमले की एक वजह था। इस हमले में एक भारतीय लड़की सहित 22 लोगों की जान चली गई थी। नाईक के गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को 2016 में ही अवैध घोषित किया जा चुका है और इस मामले में 18 करोड़ रुपए से अधिक की रकम के धन शोधन के आरोपों की प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है।  उधर, सूत्रों के अनुसार NIA के DG ने कहा- जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण की खबर निराधार और गलत है।  
PunjabKesari
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने  जाकिर नाईक के खिलाफ अक्तूबर 2017 युवाओं को अपने भड़काऊ भाषण के जरिए उकसाने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए  मुंबई की विशेष अदालत में 65 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। । एनआईए  नाईक के खिलाफ चार्जशीट के साथ ही 1000 पन्नों के दस्तावेज भी कोर्ट में पेश कर चुकी है जिसमें 80 गवाहों के बयान दर्ज हैं। जाकिर पर आतंकियों को वित्तीय मदद देने और काले धन को सफेद करने का भी आरोप लगाया गया है। एनआईए ने जाकिर के भाषणों की सीडी, डीवीडी, टीवी कार्यक्रम, सोशल साइट और ब्लॉग पर उसके लेख आदि का भी आरोप पत्र में जिक्र किया है।  एक जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक होटल में हुए बम धमाके के बाद जाकिर नाईक का आतंकी कनेक्शन सामने आया था। इस धमाके में 2  पुलिस अधिकारी सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि सभी पांचों हमलावर आतंकियों को मार गिराया गया था।  

PunjabKesari
विदेशी चंदे से कराता था धर्मांतरण
जाकिर नाईक की संस्था IRF को विदेशों से बड़े पैमाने पर चंदे मिलते थे, जिसका इस्तेमाल वह धर्मांतरण और आतंकवाद के लिए करता था। मुंबई से चार छात्रों के आईएस में शामिल होने के बाद यह बात सामने आई थी कि चारो युवक जाकिर नाईक को मानते थे।जाकिर एक स्कूल भी चलाता था, जिसमें लेक्चर ट्रेनिंग, हाफिज बनने की क्लास और इस्लाम से संबंधित कार्यक्रम होते थे। उसके बाद गृह मंत्रालय ने आईआरएफ के वित्तीय स्रोत की जांच के आदेश दिए और इसकी संस्था पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News