FATF की ग्रे लिस्ट में फिर फंसेगा पाकिस्तान? भारत ने आतंक के खिलाफ शुरू की वैश्विक मुहिम

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 03:27 PM (IST)

इंटरनेशलन डेस्क: भारत ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की रणनीति तेज कर दी है। अब भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से पाकिस्तान को दोबारा ग्रे लिस्ट में डालने की मांग करने जा रहा है। इससे पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था और अब आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी है।

क्या है FATF और इसका काम क्या है?
FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक वैश्विक संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को मिलने वाली फंडिंग पर नजर रखती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई देश आतंकियों को आर्थिक मदद न दे सके। जो देश इसमें लापरवाही बरतते हैं उन्हें ग्रे लिस्ट या ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है जिससे उनकी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है।

पाकिस्तान फिर फंसा मुश्किलों में, क्यों हो रही है FATF में शिकायत?
भारत का कहना है कि पाकिस्तान लगातार आतंकियों को पालने और उन्हें फंडिंग देने में जुटा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई है। इसी के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।

पाकिस्तान को पहले भी मिल चुकी है सजा
FATF ने पहले भी पाकिस्तान को कई बार ग्रे लिस्ट में डाला है।

  • जून 2018 में FATF ने पाकिस्तान को टेरर फंडिंग के चलते ग्रे लिस्ट में डाला

  • अक्तूबर 2022 में कुछ अस्थायी सुधारों के बाद पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया

  • इससे पहले 2008, 2012 और 2015 में भी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रह चुका है

इन बार-बार की कार्रवाइयों के बावजूद पाकिस्तान के रवैये में बदलाव नहीं आया।

भारत वर्ल्ड बैंक से भी करेगा शिकायत
'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब वर्ल्ड बैंक से भी पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने पर विरोध जताने की तैयारी में है। IMF ने हाल ही में पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का कर्ज दिया था, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई थी। भारत का कहना है कि इस तरह की मदद से पाकिस्तान आतंकवाद को परोक्ष रूप से फंड करता है।

FATF की ग्रे लिस्ट में होने का क्या होता है असर?
अगर किसी देश को FATF ग्रे लिस्ट में डालता है तो उसके सामने कई आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं।

  • विदेशी निवेश में भारी गिरावट

  • अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में परेशानी

  • विकास परियोजनाओं के लिए फंड मिलना मुश्किल

  • देश की वैश्विक साख को नुकसान

  • वर्ल्ड बैंक और IMF जैसे संस्थानों से ऋण लेने में अड़चन

ऐसे में पाकिस्तान के लिए दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में जाना बड़ा झटका साबित हो सकता है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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