बढ़ सकती है आपकी टेक होम सैलरी, सरकार करने जा रही है यह काम

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 07:19 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार इस सप्ताह एक ऐसा फैसला करने जा रही है, जिससे संगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की आमदनी में वृद्धि हो सकती है। दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार इस सप्ताह सामाजिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2019 (सोशल सिक्योरिटी कोड बिल 2019) में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव को इस सप्ताह संसद में पेश कर सकती है। इसके बाद चुनिंदा क्षेत्रों में कर्मचारी की सैलरी से ईपीएफ मद में कटने वाले 12 फीसद के अनिवार्य अंशदान घटाया जा सकता है। इससे कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। नियोक्ता का अंशदान 12 फीसद पर बना रहेगा। हालांकि, इस कदम से रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों के हाथ में आने वाली राशि में कमी आ जाएगी।
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फिलहाल कर्मचारियों के बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ के रूप में काटा जाता है। इसी तरह नियोक्ता की तरफ से भी बेसिक सैलरी के 12 फीसदी के बराबर ही रकम ईपीएफओ में जमा होती है, लेकिन इस रकम का 8.33 फीसदी ईपीएस यानी कर्मचारी पेंशन योजना में चला जाता है। अब सोशल सिक्योरिटी बिल, 2019 में कर्मचारियों वाले हिस्से को घटाने का प्रस्ताव किया गया है और इसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह बिल इसी हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है।
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पीएफ योगदान में कटौती के पीछे एक तर्क यह है कि ज्यादा टेक होम सैलरी देने का मतलब है कि लोगों के पास ज्यादा पैसा होगा और इस तरह से खपत बढ़ेगी। हालांकि बिल के मुताबिक एम्प्लॉयर यानी नियोक्ता वाले पीएफ हिस्से में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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इसी तरह बिल में कहा गया है कि फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रैक्ट वर्कर भी प्रो रेटा आधार पर ग्रेच्युटी हासिल करने के पात्र हो जाएंगे। अभी के नियम के मुताबिक जो कर्मचारी किसी कंपनी-संगठन में पांच साल तक नौकरी करते हैं, वे ही ग्रेच्युटी हासिल करने के अधिकारी होते हैं।


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Yaspal

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