सेकेंड हैंड कार खरदीने वालों के लिए बड़ी खबर, हो जाएगी जब्त... जानें क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 06:27 PM (IST)
नेशनल डेस्क: आज के समय में कार लग्ज़री नहीं बल्कि ज़रूरत बन चुकी है। नौकरी, परिवार और रोज़मर्रा की जिम्मेदारियों के बीच बिना गाड़ी के काम चलाना आसान नहीं होता। लेकिन लगातार बढ़ती कीमतों के कारण हर कोई नई कार खरीदने में सक्षम नहीं है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग सेकेंड हैंड कार का विकल्प चुनते हैं। मगर यहीं पर लोग अक्सर एक खतरनाक चूक कर बैठते हैं, जिसका खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ सकता है।
अगर आपने भी पुरानी कार खरीदी है और अब तक उसके कागजात अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराए हैं, तो सावधान हो जाइए। उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेकेंड हैंड कारों को लेकर सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं। ऑनरशिप अपडेट नहीं होने पर आपकी गाड़ी जब्त की जा सकती है।
नोएडा पुलिस ने सड़कों पर औचक निरीक्षण अभियान चलाने का फैसला किया है। इस दौरान उन सभी पुरानी गाड़ियों की जांच होगी, जिनके दस्तावेज अधूरे हैं या जिनका मालिकाना हक अब तक ट्रांसफर नहीं किया गया है। पुलिस साफ कह चुकी है कि नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
दरअसल, समस्या तब बढ़ती है जब पुरानी कारें कई बार हाथ बदल लेती हैं, लेकिन आरटीओ रिकॉर्ड अपडेट नहीं होता। खासकर तब, जब सौदा दो निजी लोगों, दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच होता है। गाड़ी कोई और चला रहा होता है, जबकि कागजात अब भी पुराने मालिक के नाम पर रहते हैं। यही स्थिति पुलिस के लिए बड़ी परेशानी बन जाती है।
गलत या पुराने पते की वजह से असली मालिक तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। कई लोग घर बदल लेते हैं, लेकिन आरटीओ में पता अपडेट नहीं कराते। ऐसे मामलों में अगर गाड़ी किसी अपराध में इस्तेमाल हो जाए, तो जांच और भी जटिल हो जाती है। इसी वजह से प्रशासन ने अब सख्ती बढ़ा दी है।
अब गौतमबुद्धनगर जिले के तीनों जोन में पुलिस रैंडम चेकिंग करेगी। जिन गाड़ियों के दस्तावेज पूरे नहीं होंगे या ऑनरशिप अपडेट नहीं मिलेगी, उन्हें मौके पर ही जब्त किया जा सकता है। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि कई आपराधिक मामलों में बिना ट्रांसफर की गई पुरानी गाड़ियां सामने आई हैं, जिस पर लगाम लगाना जरूरी हो गया था।
एआरटीओ प्रशासन के अनुसार, सेकेंड हैंड कार खरीदने वालों को परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर निर्धारित फॉर्म भरना होगा। इसमें मौजूदा पता, चेसिस नंबर, मॉडल नंबर समेत सभी जरूरी जानकारियां देना अनिवार्य है। तय रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने और वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही गाड़ी कानूनी रूप से आपके नाम दर्ज मानी जाएगी।
