दिल्ली पर फिर बाढ़ का साया: यमुना का जलस्तर बढ़ा, निचले इलाकों में घुसा पानी, राहत-बचाव तेज

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 05:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने चेतावनी दी है कि 3 सितंबर की रात 8 बजे तक यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है। यह स्थिति राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ा रही है। अब तक जलस्तर 206.74 मीटर दर्ज किया गया है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। प्रशासन और राहत टीमें पूरी तरह से सतर्क हैं। बीते 24 घंटों में उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। इसका सीधा असर यमुना में पानी के प्रवाह पर पड़ा है। हथिनी कुंड बैराज, वजीराबाद बैराज और ओखला बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, यानी हालात अभी और बिगड़ सकते हैं। दिल्ली प्रशासन ने यमुना किनारे बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। कई जगहों पर राहत शिविर बनाए गए हैं और बचाव कार्य जोरों पर हैं। राहत-बचाव टीमें, दिल्ली पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लगातार प्रभावित इलाकों में निगरानी कर रहे हैं। नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।

शिफ्ट किए जा रहे लोग, बनाए गए राहत शिविर

दिल्ली सरकार ने कहा है कि यमुना किनारे बसे घरों में रहने वाले लोगों को रेस्क्यू कर राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। आईटीओ बैराज का दौरा करने पहुंचे PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि इस बार 2023 जैसे हालात नहीं बनने दिए जाएंगे। प्रशासन का कहना है कि कई लोगों को पहले ही हटने को कहा गया था लेकिन उन्होंने घर खाली नहीं किए। अब नावों की मदद से उन्हें निकटवर्ती स्कूलों और सरकारी कैंपों में शिफ्ट किया जा रहा है।

नाव से हो रहा रेस्क्यू, ड्रोन से निगरानी

जिन इलाकों में पानी भर चुका है वहां नावों के जरिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। लोहा पुल, पुराने रेलवे ब्रिज (ORB) और मयूर विहार जैसे इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इन राहत शिविरों में लोगों के लिए भोजन, पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा और शरण की व्यवस्था की गई है।

इन इलाकों में घुसा पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

यमुना नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर अब दिल्ली के ट्रांस-यमुना क्षेत्र के कई हिस्सों में घुस चुका है, जिससे इन इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। विशेष रूप से मयूर विहार फेज-1, यमुना बाजार और नजफगढ़ के झरोड़ा कलां गांव जैसे क्षेत्रों में हालात गंभीर हो गए हैं। इन स्थानों पर यमुना का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है और कई घरों में घुटनों तक पानी भर गया है। मंगलवार को हुई भारी बारिश के बाद हालात और बिगड़ गए, जिसके चलते प्रशासन को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने पड़े। आपदा प्रबंधन और पुलिस टीमों ने इन इलाकों से 10 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया, जहां उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन इन इलाकों में निगरानी और रेस्क्यू अभियान तेज कर चुका है, ताकि कोई भी व्यक्ति संकट में न फंसा रह जाए।

पानी का बहाव कितना हुआ?

बुधवार सुबह 5 बजे दिल्ली के ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 206.74 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान के काफी करीब है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, इस स्थिति के पीछे तीन प्रमुख बैराजों से छोड़े गए पानी की बड़ी भूमिका है। हथिनी कुंड बैराज से 1,70,728 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 1,25,485 क्यूसेक, और ओखला बैराज से 1,65,145 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। इस भारी जल प्रवाह के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है। जल आयोग का कहना है कि यमुना का जलस्तर रात 8 बजे के बाद स्थिर रह सकता है, या फिर उसमें वृद्धि या कमी भी हो सकती है। यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आगे के घंटों में बैराजों से कितना पानी और छोड़ा जाता है। ऐसे में अगले कुछ घंटे बेहद निर्णायक और संवेदनशील माने जा रहे हैं।

अगले 24-48 घंटे बेहद अहम

अधिकारियों और विशेषज्ञों के मुताबिक अगले दो दिन सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा और ऊपरी राज्यों से पानी का बहाव नहीं रुका तो दिल्ली में और इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो सकती है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

हेल्पलाइन नंबर और सरकारी प्रयास

दिल्ली सरकार ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे चालू किया है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी स्थिति में लोग प्रशासन से सहायता मांग सकें। सरकार और स्थानीय निकायों ने स्वास्थ्य, जल आपूर्ति, बिजली और ट्रांसपोर्ट विभागों को भी अलर्ट पर रखा है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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