महाराष्ट्र की ‘राधा’ बनी दुनिया की सबसे छोटी भैंस, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड; सिर्फ इतनी है हाइट

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 06:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र के सतारा जिले की एक प्यारी भैंस इन दिनों न सिर्फ देशभर बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यह भैंस, जिसे 'राधा' नाम दिया गया है और स्थानीय लोग इसे 'बुटकी राधा' कहकर पुकारते हैं, अपनी अनोखी छोटी कद-काठी के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे छोटी पालतू भैंस के रूप में दर्ज हो गई है। इस उपलब्धि ने एक छोटे से गांव को वैश्विक पहचान दिलाई है और किसान परिवार को गर्व का क्षण प्रदान किया है।

राधा का जन्म और अनोखी पहचान
सतारा जिले के मान तहसील के मालवाड़ी गांव में रहने वाले किसान त्रिंबक बोराटे और उनके बेटे अनिकेत बोराटे की यह भैंस है। राधा का जन्म 19 जून 2022 को हुआ था। जब वह लगभग ढाई साल की हुई, तब उसके मालिकों ने नोटिस किया कि उसकी ऊंचाई सामान्य भैंसों की तुलना में बिल्कुल नहीं बढ़ रही। राधा की वर्तमान ऊंचाई मात्र 83.8 सेमी (2 फीट 8 इंच) है, जो इसे दुनिया की सबसे छोटी पालतू भैंस बनाती है। अनिकेत बोराटे, जो खुद एक कृषि स्नातक हैं, ने इस अनोखी विशेषता को पहचाना और इसे दुनिया के सामने लाने का फैसला किया।

कृषि प्रदर्शनियों में धूम मचाई 'बुटकी राधा'
अनिकेत ने राधा को विभिन्न कृषि प्रदर्शनियों में ले जाने का फैसला किया, जहां यह तुरंत सितारा बन गई। 21 दिसंबर 2024 को सोलापुर के सिद्धेश्वर कृषि प्रदर्शनी में पहली बार भाग लेने के बाद, राधा ने लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद, उसने पुसेगांव के सेवागिरी, कर्नाटक के निपानी और अन्य स्थानों पर कुल 13 प्रदर्शनियों में हिस्सा लिया। हर जगह इसे विशेष आकर्षण के रूप में आमंत्रित किया गया, और दर्शक इस छोटी भैंस की मासूमियत से प्रभावित हुए। राधा की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से मालवाड़ी गांव पहुंचने लगे।

गिनीज बुक में हुआ नाम दर्ज
राधा की प्रसिद्धि राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं रुकी। 24 जनवरी 2025 को इसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। इसके बाद, अनिकेत ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की। सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने और सत्यापन के बाद, 20 सितंबर 2025 को राधा का नाम आधिकारिक रूप से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतिम प्रमाणीकरण 28 अक्टूबर 2025 को हुआ, जिससे बोराटे परिवार और पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।

अनिकेत बोराटे ने कहा, "हमें बेहद खुशी हो रही है कि राधा का नाम गिनीज बुक में दर्ज हो गया। अब हम इसे अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में ले जाने की योजना बना रहे हैं।" इस उपलब्धि ने न केवल परिवार का मान बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय किसानों के बीच भी उत्साह पैदा किया है।

गांव में उमंग, दुनिया भर से सैलानी
राधा की यह उपलब्धि मालवाड़ी जैसे छोटे गांव के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई है। दुनिया भर से लोग इस 'बुटकी राधा' को देखने के लिए सतारा पहुंच रहे हैं। वजन करीब 285 किलोग्राम वाली यह भैंस पूरी तरह स्वस्थ है और परिवार के लिए प्यार का प्रतीक बनी हुई है। यह घटना दर्शाती है कि कभी-कभी प्रकृति की अनोखी सृष्टि कैसे वैश्विक पटल पर चमक सकती है।


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Content Editor

Shubham Anand

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