वर्ल्ड रिफ्यूजी डेः दुनिया के 70% शरणार्थी सिर्फ 10 देशों से,  भारत में 3 लाख

punjabkesari.in Wednesday, Jun 20, 2018 - 12:36 PM (IST)

 इंटरनैशलन डैस्कः वर्ल्ड रिफ्यूजी डे 20 जून  से पहले यूएन की एक रिपोर्ट में दुनिया  भर के शरणार्थियों को लेकर हैरानीजनक आंकड़े सामने आए हैं।   रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध और हिंसा के चलते 6.85 करोड़ लोग शरणार्थी बनने पर मजबूर हैं। यानि 100 में से एक व्यक्ति को अपना घर छोड़ना पड़ता है। दुनिया में सबसे ज्यादा शरणार्थी म्यांमार और सीरिया के हैं। 

10 साल पहले तक दुनिया में फैले शरणार्थियों की संख्या 4.27 करोड़ थी। पिछले एक दशक में 2016 ऐसा साल था जब शरणार्थियों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2016 से 2017 के बीच शरणार्थियों की संख्या 29 लाख बढ़ी, जो किसी एक साल में शरणार्थी बनने की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। दुनिया में फिलहाल जितने शरणार्थी हैं कनाडा जैसे बड़े देश की जनसंख्या (3.6 करोड़) भी उसकी आधी है। दुनियाभर के 70% शरणार्थी सिर्फ 10 देशों से आते हैं। पिछले साल 1.62 लोगों को अपना पुराना ठिकाना छोड़ना पड़ा। इनमें वह लोग शामिल थे जिन्होंने पहली बार अपना घर छोड़ा और वह भी जो पहले से शरणार्थी थे।

हर दो सेकंड में एक व्यक्ति और हर दिन 44 हजार 500 लोग अपने घर से बेघर हो जाते हैं। ज्यादातर अपने ही देश में स्थान बदलने को मजबूर होते हैं। 2017 के आखिर में ऐसे शरणार्थियों की संख्या 4 करोड़ थी। कोलंबिया, सीरिया और कांगो में ऐसे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, जहां लोग देश के अंदर ही बार-बार जगह बदलते हैं। 2017 की शरणार्थियों की लिस्ट में 2.54 करोड़ लोगों के नाम हैं। इनमें से आधे से ज्यादा बच्चे हैं। दुनिया के शरणार्थियों में 48% महिलाएं हैं।

सीरिया और अफगानिस्तान से हैं सबसे ज्यादा शरणार्थी
सीरिया में सात साल से चल रही हिंसा के चलते पिछले साल वहां से 63 लाख लोगों को देश छोड़ना पड़ा। ये लोग दुनिया में शरणार्थियों की जनसंख्या का एक तिहाई हिस्सा हैं। जबकि 62 लाख लोग अपना घर छोड़कर सीरिया में ही रह रहे हैं। तुर्की में 35 लाख शरणार्थी सीरियाई हैं। 2017 में सीरिया के बाद सबसे ज्यादा शरणार्थी पैदा करने वाला देश अफगानिस्तान है। यहां पनाह लेने वालों की आबादी 5% बढ़कर 26 लाख हो चुकी है। हालांकि, पिछले साल सबसे ज्यादा शरणार्थी दक्षिण सूडान में बढ़े हैं। यहां घर छोड़ने वालों की संख्या 14 लाख से बढ़कर 24 लाख हो गई।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक गरीब देशों में सबसे ज्यादा शरणार्थी हैं। म्यांमार में सेना की सख्ती के चलते इनकी तादाद पिछले साल 12 लाख पहुंच गई। यहां के रोहिंग्या शरणार्थी बनकर बांग्लादेश चले आए। वहीं, भारत में 30 देशों से आए 3 लाख शरणार्थी हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, तिब्बत और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के शरणार्थी हैं। जिनमें सबसे ज्यादा श्रीलंकाई हैं जो तमिल हिंसा के चलते यहां आ गए। 


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Tanuja

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