अटल जी के शोक में डूबी दुनिया, इन विदेशी मेहमानों ने दी अंतिम विदाई

punjabkesari.in Friday, Aug 17, 2018 - 06:39 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री आज पंचतत्व में विलीन हो गए। वाजपेयी को अंतिम श्रद्धांजलि देने विदेशी मेहमान भी दिल्ली पहुंचे। उनके निधन पर ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक आसक्विथ ने गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि हम बहुत दुखी हैं और उन्हें हमेशा भारते के महान नेता के रूप में याद रखा जाएगा। ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने कहा कि अटल बिहारी को एक उत्कृष्ट राजनेता के रूप में ब्रिटेन में हमेशा सम्मान मिला है।

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भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन महमूद अली आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अंतिम श्रद्धांजलि देने भारत आए हैं। वाजपेयी का कल 93 वर्ष की आयु में एम्स में निधन हो गया। यह उनका व्यवहार ही था कि उनके निधन के बाद देश ही नहीं दुनियाभर में शोक की लहर है।

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बांग्लादेश के विदेश मंत्री अली ने कहा कि बांग्लादेश, वाजपेयी को मुक्ति संग्राम में उनके योगदान और बांग्लादेश के लोगों को मजबूत समर्थन को लेकर याद करता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज शाम 4 बजे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर अतिंम संस्कार किया गया।

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नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली भारत पहुंचे। उन्होंने यहां पहुंचकर कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। तब नेपाल के रिश्ते बेहद मधुर थे। वे नेपाल को भारत का ही अंग मानते थे।

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श्रीलंका के कार्यकारी विदेश मंत्री लक्ष्मण किरएला भारत पहुंचे हैं। वह विशेषतौर पर अटल जी की अंतिम यात्रा में शामिल होने भारत आए हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया है और कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री द्विपक्षीय राष्ट्र में स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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वाजपेयी भारत के सर्वाधिक करिश्माई नेताओं और प्रखर एवं प्रेरक वक्ताओं में से एक थे। सिरिसेना ने वाजपेयी के निधन पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा, आज हम सबने एक महान मानववादी और श्रीलंका के एक सच्चे मित्र को खो दिया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक दूरदर्शी नेता और लोकतंत्र के रक्षक भी थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और पूरी दुनिया में लाखों प्रशंसकों के साथ हैं।

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विक्रमसिंघे ने बताया कि वर्ष 2002-2004 के दौरान श्रीलंका का प्रधानमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में वाजपेयी के साथ बेहतर संबंध थे। उन्होंने कहा, वाजपेयी के निधन से मैं बहुत दुखी हूं। वह श्रीलंका के एक सच्चे मित्र थे। श्रीलंका में स्थिरता सुनिश्चित कनरे में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इस महान शख्स के साथ मित्रता की अपनी यादों को हमेशा संजोकर रखूंगा। श्रीलंका ने अपने राजमार्ग एवं उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मण किरीकल्ला को वाजपेयी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली भेजा है।


 


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Yaspal

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