World Health Day 2025: कैंसर के लक्षणों को पहचानकर जीवन बचाने की पहल, भारत में बढ़ रहे कैंसर के मामले
punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 05:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 7 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष की थीम पर बात करें तो यह विशेष रूप से गैर संक्रामक रोगों को लेकर है। भारत में इन बीमारियों की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। कैंसर, डायबिटीज, और हृदय रोग जैसे समस्याओं ने देश में महामारी का रूप ले लिया है। खासकर कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो आने वाले समय में एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। लेकिन इस पर काबू पाया जा सकता है अगर समय पर पहचान और इलाज किया जाए। 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर यह महत्वपूर्ण है कि हम कैंसर जैसे गंभीर रोगों के प्रति जागरूकता फैलाएं। अर्ली डिटेक्शन और समय पर इलाज से कैंसर जैसे रोगों से बचाव और उपचार संभव है। इसके साथ ही हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इस तरह के रोगों से बचने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ प्रिवेंटिव स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सके।
कैंसर के बढ़ते मामलों का भारत पर प्रभाव
भारत में गैर संक्रामक बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से कैंसर एक ऐसा रोग बन चुका है जो तेजी से फैल रहा है। हालांकि, इस बीमारी की बढ़ती संख्या के बावजूद यह अच्छी बात है कि यदि इसका अर्ली डिटेक्शन यानी समय पर पहचान कर लिया जाए तो इसका इलाज संभव है। डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर के इलाज में सफलता की दर 60% तक बढ़ सकती है यदि इसे शुरुआती चरण में ही पहचान लिया जाए।
कैंसर का सही समय पर इलाज क्यों जरूरी है?
भारत में कैंसर के मामलों का निदान अक्सर देर से किया जाता है, जिसके कारण मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है। अर्ली डिटेक्शन यानी समय पर पहचान से कैंसर के मरीजों की जान बचाई जा सकती है। डॉ. जी.के. रथ जो कि एम्स दिल्ली के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के पूर्व निदेशक हैं, का कहना है कि कैंसर के मामलों में अर्ली डिटेक्शन और प्रिवेंटिव केयर अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यदि किसी व्यक्ति को पहले चरण में कैंसर का पता चलता है, तो उपचार के अधिक अवसर होते हैं और इसके फैलने का खतरा भी कम होता है।
कैंसर के लक्षणों की पहचान कैसे करें?
कैंसर के लक्षणों की पहचान शुरुआती दौर में करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
➤ लगातार खांसी या आवाज बैठना
➤ अचानक वजन का गिरना
➤ किसी अंग में दर्द या गांठ का महसूस होना
➤ शरीर में असामान्य रक्तस्राव
➤ किसी घाव का ठीक न होना
➤ स्वभाव में अचानक बदलाव
यदि किसी व्यक्ति को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, रूटीन चेकअप और स्क्रीनिंग टेस्ट भी कैंसर की जल्दी पहचान में मदद कर सकते हैं।
कैंसर के इलाज की संभावनाएं
भारत में कैंसर के इलाज के लिए बहुत सारी नई तकनीकों और उपचार विधियों का विकास हुआ है। इनमें से कुछ प्रमुख उपचार विधियों में शामिल हैं:
➤ सर्जरी - कैंसर के ट्यूमर को शारीरिक रूप से निकालना।
➤ कीमोथेरेपी - दवाओं द्वारा कैंसर कोशिकाओं का नाश करना।
➤ रेडिएशन थेरेपी - कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडिएशन का उपयोग करना।
➤ इम्यूनोथेरेपी - शरीर की इम्यून प्रणाली को सक्रिय करके कैंसर से लड़ने में मदद करना।
इन उपचारों का सही समय पर उपयोग कैंसर के मरीजों को ठीक करने में मदद कर सकता है। खासकर अर्ली डिटेक्शन के मामलों में उपचार की सफलता दर अधिक रहती है।
देश में कैंसर के बढ़ते मामलों की वजह
कैंसर के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
➤ खराब जीवनशैली - अधिक जंक फूड, शराब और तंबाकू का सेवन, और कम शारीरिक गतिविधि।
➤ वातावरणीय प्रदूषण- वायु और जल प्रदूषण कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं।
➤ जीन और पारिवारिक इतिहास - कुछ प्रकार के कैंसर पारिवारिक इतिहास से संबंधित हो सकते हैं।