UN रिपोर्टः भारत से ज्यादा खुशहाल देश पाकिस्तान, जानें दुनिया के टॉप 10 मुल्कों की रैंकिंग
punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 05:09 PM (IST)
International Desk: विश्वभर में कुछ देश हैं जो खुशहाली के मामले में बाकी देशों से कहीं आगे हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2024 में दुनियाभर के देशों की खुशहाली की रैंकिंग जारी की गई है, जिसमें जीडीपी, जीवन प्रत्याशा, सामाजिक समर्थन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और भ्रष्टाचार के स्तर जैसे महत्वपूर्ण मानकों का मूल्यांकन किया गया है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान ने भारत** को पीछे छोड़ते हुए 108वें स्थान पर जगह बनाई है, जबकि भारत 126वें स्थान पर है।
2024 की 10 शीर्ष खुशहाल देशों की सूची
1. फिनलैंड – यह देश सातवीं बार लगातार सबसे खुशहाल देश के रूप में शीर्ष पर है, जो अपनी उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।
2. डेनमार्क – जीवन स्तर, सामाजिक समानता और "हाइज" (सुकूनभरी जिंदगी) के लिए प्रसिद्ध है।
3. आइसलैंड – अपनी सामुदायिक भावना और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही यहां अपराध दर भी बेहद कम है।
4. स्वीडन – पर्यावरण-अनुकूल नीतियों, मजबूत सामाजिक सेवाओं और उच्च जीवन स्तर के लिए जाना जाता है।
5. इजरायल – यह देश अपने इनोवेशन और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पहचानता गया है और यहां पांचवां स्थान प्राप्त किया है।
6. नीदरलैंड्स – काम और जीवन के बीच संतुलन, खुली संस्कृति और सामाजिक सुरक्षा इसे खुशहाल बनाते हैं।
7. नॉर्वे – प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग, उच्च जीवन स्तर और सामाजिक सुरक्षा इसे टॉप 10 में स्थान दिलाते हैं।
8. स्विट्जरलैंड – उच्च जीवन प्रत्याशा, बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं और आर्थिक स्थिरता इसे आठवें स्थान पर रखते हैं।
9. लक्समबर्ग – समृद्धि, सुरक्षित माहौल और उच्च आय इस देश की खुशहाली में योगदान करते हैं।
10. न्यूजीलैंड – शांतिपूर्ण जीवन, प्राकृतिक सुंदरता और मजबूत सामुदायिक भावना इसे शीर्ष 10 में शामिल करती है।
भारत और पाकिस्तान की स्थिति
- - पाकिस्तान इस सूची में 108वें स्थान पर है, जबकि भारत इससे भी पीछे 126वें स्थान पर है।
- - पाकिस्तान की रैंकिंग में सोशल सपोर्ट , जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक स्थिरता में सुधार की आवश्यकता है।
- - 2022 में भारत की रैंकिंग और भी खराब थी, जब भारत 136वें स्थान पर था।
यह रैंकिंग देशों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर आधारित होती है, और इसका उद्देश्य देशों के बीच खुशहाली के स्तर की तुलना करना है।