पाकिस्तान ने फिर से चालू किया आतंक का खेल, PAK की छुपी साजिश से बढ़ी भारत की सतर्कता
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 05:36 PM (IST)

नेशलन डेस्क: भारत के खिलाफ पाकिस्तान की चालाकी कम नहीं हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी लॉन्चिंग पैड और ट्रेनिंग सेंटर तबाह किए गए थे, तब भी वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया। अब पाकिस्तान ने फिर से अपने सीमा पार इलाकों, खासकर पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के दुर्गम और जंगलों वाले इलाकों में नए आतंकवादी कैंप और लॉन्चिंग पैड बनाने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, ये गतिविधियां ISI और पाकिस्तानी सेना के समर्थन से हो रही हैं और पाकिस्तान ने इस बार हाईटेक तकनीक से लैस छोटे-छोटे आतंकी कैंप बनाना शुरू कर दिए हैं ताकि उन्हें ट्रैक करना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए मुश्किल हो।
हाईटेक आतंकवादी कैंप और सशक्त सुरक्षा
खुफिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि पाकिस्तान ने अब अपने नए आतंकी कैंपों को आधुनिक तकनीक से लैस करना शुरू कर दिया है। इनमें ड्रोन, थर्मल सेंसर और नाइट विजन कैमरे जैसी उन्नत तकनीक शामिल हैं। ये तकनीकें पाक सेना के स्पेशल सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा संचालित की जा रही हैं, जो इन इलाकों की कड़ी निगरानी कर आतंकियों की गतिविधियों को छुपाने में मदद करती हैं। इससे भारत की खुफिया और सेना की निगरानी में दिक्कत बढ़ गई है और आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाना कठिन हो गया है।
छोटे-छोटे कैंप और तेज आतंकी रवाना
पहले जहां आतंकवादी एक बड़े कैंप में इकट्ठा होते थे, अब आतंकवादी संगठनों ने रणनीति बदली है। अब एक ही कैंप में 200 से अधिक आतंकियों को रखा नहीं जाएगा, बल्कि कई छोटे-छोटे कैंप बनाए जाएंगे। ट्रेनिंग पूरी होते ही आतंकियों को सीधे सीमा की तरफ भेज दिया जाएगा ताकि भारत के सुरक्षा तंत्र पर दबाव बढ़ाया जा सके। यह रणनीति भारतीय एजेंसियों के लिए आतंकियों का पता लगाना और रोकना और भी चुनौतीपूर्ण बना देगी।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी सतर्कता
भारत ने इन नयी साजिशों को देखते हुए LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) के पास अपनी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी है। सेना और खुफिया एजेंसियों ने उच्च अलर्ट जारी किया है और सैटेलाइट इमेजरी तथा ग्राउंड इंटेलिजेंस के माध्यम से PoK के दुर्गम इलाकों में इन नए कैंपों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। कई जगहों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत तबाह किए गए लॉन्चिंग पैड अब फिर से बन रहे हैं। भारतीय एजेंसियां इन गतिविधियों को रोकने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रही हैं।
बहावलपुर में आतंकियों की हाई-लेवल मीटिंग
सूत्रों के अनुसार हाल ही में बहावलपुर में एक अहम बैठक हुई, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और टीआरएफ जैसे आतंकवादी समूहों के शीर्ष कमांडर और ISI व पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में आतंकवादी कैंपों और लॉन्चिंग पैडों को पुनः सक्रिय करने के साथ-साथ फंडिंग और संचालन की योजना पर चर्चा हुई। यह बैठक साफ दिखाती है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना इस आतंकवादी साजिश को हर स्तर पर समर्थन दे रही है।
पाक सरकार और सेना का खुला समर्थन
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार और सेना इस तरह के आतंकवादी अभियानों को वित्तीय और कूटनीतिक समर्थन दे रही है। वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से मिली बड़ी रकम का एक हिस्सा इन साजिशों में इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकारी आदेशों पर मरकजों और आतंकी कैंपों को भारी फंडिंग दी जा रही है, जिससे उनकी गतिविधियां और भी सक्रिय हो रही हैं।
तबाह हुए लॉन्चिंग पैड फिर से हो रहे तैयार
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत लूनी, पुटवाल, भैरोनाथ, पीपी धन्दार, टीपू, मुमताज कॉम्प्लेक्स, जमील, सैधवाली, उमरांवली बंकर, चपरार फॉरवर्ड, छोटा चक पोस्ट, अफजल शहीद पोस्ट और जंगलोरा पोस्ट जैसे कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। लेकिन अब इन सभी स्थानों पर नए तरीकों से इन्हें फिर से बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। ये लॉन्चिंग पैड दुर्गम और जंगलों वाले इलाकों में रखे जा रहे हैं ताकि उनकी पहचान मुश्किल हो।
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक PoK के केल, सारडी, दुधनियाल, अथमुकम, जुरा, लीपा, पछिबन, फॉरवर्ड कहुटा, कोटली, खुइरत्ता, मंधार, निकैल, चमनकोट और जानकोटे जैसे इलाकों में न केवल पुराने लॉन्चिंग पैड मौजूद हैं, बल्कि नए भी बनाए जा रहे हैं। यह इलाके दूर-दूर तक फैले हुए और पहाड़ी होने के कारण निगरानी के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।