World diabetes Day: साइलेंट किलर की तरह है डायबिटीज़...बच्चों को सिखाए Healthy Lifestyle

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2024 - 09:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: डायबिटीज़, जो एक भयंकर साइलेंट किलर की तरह है जो एक बार शरीर में प्रवेश कर जाए तो यह बिमारी धीरे-धीरे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों जैसे आंखों, किडनी, और हृदय पर असर डालता है। एम्स के विशेषज्ञ के अनुसार,  डायबिटीज़ को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है, और यही इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।

भारत में डायबिटीज़ के आंकड़े
ICMR के एक अध्ययन में पाया गया कि देश की 11.4% आबादी डायबिटीज़ से प्रभावित है, और लगभग 15% लोगों में प्री-डायबिटीज़ के लक्षण पाए गए हैं। दिल्ली में यह आंकड़ा और भी अधिक है, जहां 10% से अधिक लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं।  

 एम्स के विशेषज्ञ के अनुसार, यदि डायबिटीज़ की पुष्टि हो चुकी है, तो दवाइयों का सेवन डॉक्टर के निर्देशानुसार शुरू करना चाहिए। साथ ही, मरीज को अपने शुगर लेवल को खुद भी नियमित रूप से जांचना चाहिए। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम के जरिए ही नियंत्रित करना संभव है।

नई तकनीक की ओर बढ़ता कदम
चीन के वैज्ञानिकों ने एक 25 वर्षीय महिला में टाइप-1 डायबिटीज़ के लिए सेल ट्रांसप्लांट किया, जिसके एक महीने बाद उसका ब्लड शुगर लेवल स्वाभाविक रूप से नियंत्रित होने लगा। यह चिकित्सा की दुनिया में एक नई उम्मीद लेकर आया है।

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 बच्चों में भी बढ़ रहा डायबिटीज़ का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और अनियमित दिनचर्या के कारण आज बच्चों में भी टाइप-2 डायबिटीज़ का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। भारत में डायबिटीज़ का प्रसार तेजी से हो रहा है और रिपोर्ट्स के अनुसार, 11.4% आबादी डायबिटीज़ से प्रभावित है।

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने पर जोर
AIIMS के डॉक्टरों का कहना है कि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और सही पोषण का ध्यान रखकर डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट शामिल हैं। बच्चों को शुगर और जंक फूड से दूर रहना सिखाना और उन्हें खेलकूद के प्रति जागरूक करना महत्वपूर्ण है।

स्कूलों में लाइफस्टाइल एजुकेशन की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में भी लाइफस्टाइल एजुकेशन को शामिल करना चाहिए ताकि बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाई जा सकें। गंगाराम अस्पताल के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अजय अग्रवाल के अनुसार, यदि शुरुआती पांच से छह साल में डायबिटीज़ को नियंत्रित कर लिया जाए, तो आगे चलकर गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

डायबिटीज़ के लक्षण और बचाव के उपाय
डायबिटीज़ के मुख्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस करना और वजन कम होना शामिल है। इसे नियंत्रित करने के लिए चीनी का सेवन कम करें, हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें और अपने शरीर के वजन को संतुलित रखें। योग और ध्यान भी डायबिटीज़ के प्रभाव को कम करने में सहायक हैं।

  


 


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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