World AIDS Day: यहां पति देते है अपने पवित्र होने का सबूत!

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2015 - 12:17 PM (IST)

नई दिल्ली: एड्स जैसी गंभीर बीमारी को समाज में फैलने से रोकने के लिए उत्‍तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के लोग सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। यहां जो पुरुष अपने घर से शहरों में जाकर अकेले रोजी-रोटी कमाते हैं उन्‍हें वापस लौटने पर अग्‍निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है। यानिकी पुरुषों को घर लौटते ही एचआईवी टेस्‍ट करवाना पड़ता है। इलाके के बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि शुरुआत में तो उन्हें ये सब बुरा लगता था, लेकिन आने वाली पीढ़ी को एड्स जैसी बीमारी रोकने के लिए यह अच्‍छा कदम है।

गांव के एचआईवी ग्रसित एक शख्स ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि करीब पांच साल पहले अचानक तबियत बिगडने पर जब उन्होंने जांच करवाई, तो एचआईवी पॉजीटिव होने की पुष्टि हुई। रामलखन ने बताया कि उनकी इस गलती के चलते पत्‍नी भी इस गंभीर वायरस की चपेट में आ गई है। एक अन्‍य शख्स का कहना है कि लापरवाही से कई बार इसका खामियाजा उनकी पत्‍नी और बच्‍चों को भी उठाना पड़ता है। अपनों की सुरक्षा के लिए पुरुष भी एचआईवी टेस्‍ट कराने से परहेज नहीं कर रहे हैं। 

जिला अस्पताल में एचआइवी केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. गौरांग गुप्ता ने बताया कि रोजाना करीब 10 लोग एचआईवी टेस्‍ट कराने आते हैं। जब उनकी काउंसलिंग की जाती है तो ज्‍यादातर वही लोग होते हैं जो दूसरे शहरों में मजदूरी या गाड़ी चलाने का काम करते हैं। डॉ. गौरांग गुप्ता ने बताया कि काउंसिलिंग में पुरुष स्वीकार कर रहे हैं कि उन्हें पत्नी की संतुष्टि के लिए जांच करानी पड़ रही है। जांच के दौरान कई पुरुषों में एचआइवी पॉजिटिव भी पाया गया। 


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