इन महिलाओं ने गांधी जी के जीवन में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
punjabkesari.in Sunday, Oct 02, 2016 - 01:54 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को हर व्यक्ति एक अलग नजर से देखता है। उनका जन्म 2 अक्तूबर 1869 में हुआ और 78 साल आयु में 30 जनवरी, 1948 को उनका निधन हुआ। महात्मा गांधी को प्यार से बापू भी पुकारा जाता है। बापू भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गई थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने अपना पूरा जीनव देश के लोगों को समर्पित कर दिया था। जब नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी पर गोलियां चलाई उस समय बापू के साथ बहुत ही कम लोग मौजूद थे। इनमें से मनुबेन और सुशीला नायर भी हैं जो उस समय बापू के साथ थीं। महात्मा गांधी की जिंदगी में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने उनके आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनमें से एक थीं गांधी की पत्नी कस्तूबा।
-कस्तूबा गांधी
कस्तूबा गांधी की शादी मोहनदास करमचंद गांधी से तब हुई जब वे 14 साल की थी और महात्मा गांधी 13 साल के। कस्तूबा गांधी ने बापू के हर आंदोलन में उनका पूरा साथ दिया। इतना ही नहीं वे खुद एक राजनीतिक कार्यकर्त्ता और नागरिकों के हक के लिए लड़ने वाली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं।
-मनुबेन
मनुबेन महात्मा गांधी के विश्वासपात्रों में एक थीं जो आखिरी दो साल में ‘सहारा’ बनकर साये की तरह महात्मा गांधी के साथ रहीं। 1946 में सिर्फ 17 वर्ष की आयु में यह महिला महात्मा की पर्सनल असिस्टेंट बनीं और उनकी हत्या होने तक लगातार उनके साथ रही. फिर भी मनुबेन के नाम से मशहूर मृदुला गांधी ने 40 वर्ष की उम्र में अविवाहित रहते हुए दिल्ली में गुमनामी में दम तोड़ा।
-सुशीला नायर
सुशीला नायर की बड़ी बहन प्यारेलाल गांधीजी की पर्सनल सेक्रेटरी थी। अपनी बहन के जरिए ही सुशीला गांधी जी के प्रभाव में आई। वे गांधी जी से काफी प्रभावित थीं और बाद में उनकी निजी डॉक्टर भी बनी। सुशीला के लिए गांधी उनके जीवन का केंद्र रहे। सुशीला भी उन युवा महिलाओं में शामिल हैं जो गांधी जी के काफी करीब थी।
-आभाबेन
आभाबेना महात्मा गांधी के भतीजे कनु गांधी की पत्नी थीं। कनु गांधी बापू के फोटोग्राफर भी थे, उन्होंने गांधी जी की काफी तस्वीरें खीचीं थी। आभा के जीवन में गांधी जी का काफी प्रभाव ता क्योंकि कनु बापू के साथ रहते थे, ऐसे में आभा भी हर समय आश्रम में उनकी देखभाल करती थी। जब नाथूराम गोडसे ने गांधी को गोली मारी तब आभा उनके साथ थी।
-मीराबेन
मीरा बेन का मूल नाम 'मैडलिन स्लेड' था जो कि एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी की बेटी थीं। इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी जी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर खादी का का प्रचार किया। मीरा ने गांधी जी के लिए अपना देश छोड़ दिया। मैडलिन स्लेड ने अपना नाम मीरा कृष्ण नाम धारण करने के बाद रखा। मीरा कुद को गांधी जी की भक्त मानती थी। उन्होंने हर पल गांधी जी का साथ दिया।
-सरलादेवी चौधरानी
सरला देवी चौधरानी गांधी जी से 1919 में मिली, वह तब से ही गांधी जी के ज्ञान और बातों से काफी प्रभावित हुई। इसके बाद चौधरानी गांधी जी का ध्यान रखने लग गई थी। गांधी जी सरला को महान शाक्ति कहकर बुलाते थे।