महिला नेताओं को डर- मीटू का दुरुपयोग हुआ तो होगा बुरा हश्र

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 05:21 AM (IST)

नेशनल डेस्कः सोशल मीडिया पर #MeToo कैंपेन एक आंदोलन का रूप ले चुका है। बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी आपबीती बता रही हैं। राजनीति में सफल महिलाओं का भी कहना है कि यह समाज में आ रहे बदलाव का सूचक है। इस तरह का माहौल बनने से महिलाएं अपने-अपने क्षेत्रों में पहले की तुलना में ज्यादा आजादी से काम कर सकेंगी।

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कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि इस तरह के आंदोलनों को पूरा समर्थन दिया जाना चाहिए, क्योंकि समाज एकदम से नहीं बदलता। ऐसे छोटे-छोटे आंदोलन लंबे समय में बड़ा परिवर्तन करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पूरी हिम्मत के साथ सामने आने की जरूरत है। 

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सुपौल से कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन का कहना है कि इन सभी आंदोलनों का अंतिम उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता लाना है। पूरे समाज को इसमें सहयोग करना चाहिए, क्योंकि यह सबकी बेटी के सम्मान से जुड़ा मामला है। इसलिए यह दुनिया सभी महिलाओं के लिए जितनी बेहतर हो सके, उतना ही अच्छा होगा। मीडिया में इस तरह की चर्चा से एक लाभ यह होगा कि आगे महिलाओं के लिए बेहतर माहौल बनेगा। लेकिन इसका दुरुपयोग न हो, इसका पूरा ख्याल किया जाना चाहिए। 

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दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता टीना शर्मा का कहना है कि यह एक बेहतर कदम है। लेकिन इसका दुरुपयोग न हो पाए, इसकी पूरी कोशिश की जानी चाहिए। महिलाओं के यौन उतपीड़न के विरुद्ध कानून पीड़ित महिलाओं की रक्षा के लिए बनाया गया था। लेकिन इसके दुरुपयोग ने समाज में इसका एक नकारात्मक पहलू पेश कर दिया। #MeToo का भी ऐसा हश्र न हो, इसका ख्याल भी महिलाओं को ही रखना पड़ेगा।

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कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना है कि यह समाज का ही एक गंदा चेहरा है, जो इस तरह अब सामने आ रहा है। लेकिन इस तरह के मामले सामने आने से समाज में ज्यादा खुलापन आएगा और कामकाजी महिलाओं के लिए दुनिया ज्यादा बेहतर बन सकेगी। 


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Yaspal

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