कोमल है पर कमज़ोर नहीं :पुरमंडल के दयोन गांव में महिलाओं ने पेयजल संकट दूर करने का उठाया बीड़ा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 06, 2018 - 03:25 PM (IST)

साम्बा (संजीव) : जिले का पुरमंडल इलाका गत कई दशकों से पेयजल की गंभीर समस्या से ग्रसित है। इस कंडी क्षेत्र के दूरदराज के गांवों में जलापूर्ति का यह आलम है कि सर्दियों में भी यहां पानी की किल्लत रहती है। इसी क्षेत्र का एक गांव है दयोन, यहां पीने का पानी काफी मुश्किल से नसीब होता है। जिले के अंतिम छोर पर स्थित यह समूचा गांव ही पेयजल संकट से जूझ रहा है और हालत यह है कि पीएचई विभाग द्वारा पाईपें तो बिछाई गई हैं लेकिन पिछले दो महीनों से गांव में पीने का पानी नहीं आया है। ऐसे में मवेशियों को पीने का पानी उपलब्ध कराना व साथ ही रोजमर्रा के काम के लिए पानी जुटाना काफी मुश्किल है। 


 गांव में पानी की समस्या को देखते हुए अब गांव की महिलाओं ने प्रयास शुरू किया है। गांव के दो पुराने तालाब हैं और दोनों ही सूखने के कगार पर हैं। लेकिन हिम्मत जुटा कर गांव की स्थानीय इस तालाब की मरम्मत मेें जुट गई हैं। गांव की गीता देवी, भोली देवी, सत्या, शकुंतला, रानी, रितु, ज्योति, शारदा आदि महिलाएं गांव के इस पुराने तालाब के जीर्णोद्धार में लगी हैं। चिलचिलाती धूप व जानलेवा गर्मी में भी यह महिलाएं रोजाना बच्चों के साथ हाथों में कुदाल-फावड़े उठा कर कंधे से कंधा मिला कर श्रमदान दे रही हैं और तालाब की डि-सिङ्क्षल्टग कर इसे गहरा कर रही हंै। इनका कहना है कि बरसात से पूर्व तालाब से पूरी तरह गांद निकल गई तो कम से कम बारिश का पानी इसमें एकत्र होजाएगा और अगले कुछ महीनों तक इनके काम आ पाएगा। इन महिलाओं का कहना है कि कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि तालाब का गंदा पानी की कपड़े से छान कर पीना पड़ता है। PunjabKesari

 झूठे आश्वासनों पर नहीं भरोसा

    इन महिलाओं का कहना है कि गत लम्बे समय से यह इलाके में ऐसे ही हालात देख रहे हैं लेकिन आखिर कब तक सरकार के आश्वासनों के सहारे बैठे रहें। गर्मी के दिनों में तो यहां पानी के बिना जीना दूभर हो जाता है। सरकार से लेकर प्रशासन तक गुहार लगा चुके यह लोग अब व्यवस्था से थकहार चुके हैं और फिलहाल खुद ही अपनी प्यास बुझाने के लिए भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। 


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Monika Jamwal

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