70 दिनों के अंदर मोदी सरकार ने वादे को पूरा किया

punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2019 - 11:19 AM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी का जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करना मुख्य एजेंडा रहा है। पार्टी के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का राज्य के विशेष दर्जे का विरोध करते हुए 1953 में जम्मू-कश्मीर की एक जेल में निधन हो गया था, जिसके बाद से भगवा दल के कार्यकर्ताओं के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा बन गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा अनुच्छेद 370 को मुख्य एजेंडे में रखा और इसके लिए वोट भी मांगा। साथ ही ऐलान किया था कि सरकार बनते ही कुछ दिनों के भीतर पार्टी जम्मू-कश्मीर स अनुच्छेद 370 पूरी तरह से खत्म कर देगी। हुआ भी वही, भाजपा ने 70 दिनों के भीतर अपना सबसे बड़ा वादा सोमवार को पूरा कर लिया।
PunjabKesari
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा की जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल था। उनकी घोषणा का भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। यह भाजपा के तीन मुख्य एजेंडे में से एक है। इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और समान नागरिक संहिता लागू करना भी उसके एजेंडे में है। अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करते हुए मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। वहां उनकी मौजूदगी अवैध मानी गई, क्योंकि उस समय बाहरी लोगों को राज्य में प्रवेश करने के लिए परमिट हासिल करनी होता था। भाजपा और इसके हिंदूवादी सहयोगी, मुखर्जी के निधन को रहस्यमयी मानते थे। उनका नारा एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे काफी समय तक पार्टी का नारा बना रहा। अमित शाह द्वारा राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद से ही भाजपा के कई नेताओं ने एक-एक कर उनके ‘बलिदान’ को याद किया। जनसंघ के दिनों से ही भगवा दल ने अलगाववादी गतिविधियों, आतंकवाद और राज्य के जम्मू तथा लद्दाख क्षेत्रों के बीच कथित भेदभाव के लिए अनुच्छेद 370 को दोषी ठहराया।
PunjabKesari
भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने शाह की घोषणा के बाद ट्वीट के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं जाहिर कीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मेरे और कई अन्य लोगों की आंखों में आंसू हैं। हमें आज के दिन का इंतजार था, अनुच्छेद 370 का खात्मा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हिंदुत्व की राजनीति सही दिशा में है। अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की पहली सरकार के दौरान पार्टी ने तीन विवादास्पद एजेंडे को अलग रखने का निर्णय किया था ताकि, लोकसभा में बहुमत हासिल करने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन किया जा सके।
PunjabKesari
लोकसभा में मोदी लगातार दो बार पूर्ण बहुमत के साथ आए और कई राज्यों में भाजपा तेजी से अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। वहीं भाजपा नेताओं का मानना है कि कश्मीर मुद्दे पर सरकार को न केवल राजग के सहयोगी दलों बल्कि बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा और आप से जिस तरह से सहयोग मिला है, वह दर्शाता है कि हम अपने एजेंडे को लागू करने में कितना सफल रहे हैं। ये ऐसे एजेंडे हैं जो पहले मुख्य धारा के दलों के लिए अस्वीकार्य थे। हिंदुत्व के समर्थक संसद में तीन तलाक विधेयक के पारित होने को समान नागरिक संहिता की तरफ बढ़ाए गए कदम और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों की ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ के लिए करारे झटके के रूप में देख रहे हैं। अयोध्या मामले पर रोजाना सुनवाई के निर्णय से भी भाजपा में नई उम्मीद जगी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Supreet Kaur

Recommended News

Related News